* नये नियम में विश्वासियों को “मसीह की देह” के अंग कहा गया है. मसीह के विश्वासी एक समुदाय के अंग है जो समुदाय अनेक विश्वासियों का संगठन है.
* इस देह का “सिर” मसीह यीशु है और विश्वासी उस देह के अंग स्वरूप काम करते हैं. पवित्र आत्मा देह के प्रत्येक सदस्य को एक विशेष भूमिका प्रदान करता है कि संपूर्ण देह सुचारू रूप से कार्य करे.
* यहूदी महासभा जैसे संगठनों में सहभागी मानुष्य को और फरीसी भी इन संगठनों के "अंग" कहलाते थे.