“हथियार” अर्थात सैनिक द्वारा युद्ध में काम में आने वाले अस्त्र-शस्त्र तथा शत्रु के वार से बचाने वाला कवच। इसका उपयोग प्रतीकात्मक रूप में आत्मिक हथियारों के लिए भी काम में लिया गया है.
* सैनिक के हथियारों में टोप, ढाल, सीनाबन्ध, पांव के कवच और तलवार आदि होते हैं.
* प्रेरित पौलुस हथियारों की उपमा द्वारा आत्मिक हथियारों का संदर्भ देता है जो परमेश्वर ने विश्वासी को आत्मिक युद्ध में सहायता के लिए दिए हैं.
* पाप और शैतान के विरूद्ध युद्ध करने के लिए परमेश्वर अपने लोगों को जो आत्मिक हथियार देता है, वे हैं, सत्य, धार्मिकता, शान्ति का सुसमाचार, विश्वास, उद्धार तथा पवित्र आत्मा.
* इसका अनुवाद ऐसे शब्द से किया जाए जिसका अर्थ हो, “सैनिक के हथियार” या “युद्ध के सुरक्षात्मक वस्त्र” या “सुरक्षात्मक आवरण” या “अस्त्र-शस्त्र.”