* यहूदी “स्वर्ग” शब्द को प्रायः परमेश्वर के संदर्भ में काम में लेते थे कि उसका नाम प्रत्यक्षत: न लें। (देखें: [लक्षणालंकार](rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy))
* नये नियम में मत्ती रचित सुसमाचार वृत्तान्त में मत्ती परमेश्वर के राज्य को “स्वर्ग का राज्य” कहता है क्योंकि उसका लक्षित समूह संभवतः यहूदी समुदाय था.
* परमेश्वर के राज्य का अर्थ है परमेश्वर मनुष्यों पर आत्मिक परिप्रेक्ष्य में राज करता है वरन् लौकिक संसार पर भी राज करता है.
* पुराने नियम के भविष्यद्वक्ताओं ने कहा था कि परमेश्वर अपना मसीह भेजेगा कि वह धार्मिकता के साथ राज करे. परमेश्वर का पुत्र, यीशु ही वह मसीह है जो परमेश्वर के राज्य में सदाकालीन राज करेगा।
* प्रकरण पर आधारित “परमेश्वर का राज्य” का अनुवाद, “परमेश्वर का शासन(राजा के रूप में)” या “जब परमेश्वर राजा के रूप में राज करेगा” या “सब पर परमेश्वर का राज” किया जा सकता है.
* शब्द “स्वर्ग का राज्य” का अनुवाद “राजा के रूप में स्वर्ग से परमेश्वर का शासन” या “परमेश्वर जो स्वर्ग में है राज्य करता है” या “स्वर्ग का राज्य” या “सब कुछ पर स्वर्ग का शासन” के रूप में भी किया जा सकता है. यदि इसका अनुवाद सरल और स्पष्ट रूप से संभव नहीं है, तो इसका अनुवाद "परमेश्वर का राज्य" किया जा सकता है.
* कुछ अनुवादक अग्रेज़ी में हेवन(स्वर्ग)शब्द का पहला अक्षर बड़ा रखना अधिक उचित समझते हैं ताकि प्रकट हो कि वह परमेश्वर के संदर्भ में है. अन्य अनुवादक पाठ में एक टिप्पणी शामिल कर सकते हैं, जैसे "स्वर्ग का राज्य (अर्थात् 'परमेश्वर का राज्य'). "
* छपी हुई बाइबल के पृष्ठ के निचले भाग में पादटिपण्णी की जा सकती है कि इस अभिव्यक्ति में "स्वर्ग" के अर्थ को समझाया जा सके.
***[24:02](rc://hi/tn/help/obs/24/02)** उसने (यूहन्ना ने)प्रचार करते समय उनसे कहा, “मन फिराओ क्योंकि **स्वर्ग का राज्य** निकट आ गया है !”
***[28:06](rc://hi/tn/help/obs/28/06)** तब यीशु ने अपने चेलों से कहा, "धनवान का **स्वर्ग के राज्य** में प्रवेश करना बहुत कठिन है!हाँ,**परमेश्वर के राज्य** में धनवान के प्रवेश करने से ऊँट का सूई के नाके में से निकल जाना सहज है.”
***[29:02](rc://hi/tn/help/obs/29/02)** यीशु ने कहा “ इसलिये **स्वर्ग का राज्य** उस राजा के समान है, जिसने अपने दासों से लेखा लेना चाहा।
***[34:01](rc://hi/tn/help/obs/34/01)** यीशु ने उन्हें **स्वर्ग के राज्य** के बारे में और कहानियाँ सुनाईं. उदहारण के लिये, उसने कहा, “**स्वर्ग का राज्य** राई के एक दाने के समान है, जिसे किसी व्यक्ति ने लेकर अपने खेत में बो दिया."
***[34:03](rc://hi/tn/help/obs/34/03)** यीशु ने एक और कहानी उन्हें सुनाई, “**स्वर्ग का राज्य** खमीर के समान है जिसको किसी स्त्री ने लेकर आटे में मिला दिया और होते-होते वह सारे आटे में फैल गया."
***[34:04](rc://hi/tn/help/obs/34/04)** “**स्वर्ग का राज्य** खेत में छिपे हुए धन के समान है, जिसे किसी व्यक्ति ने छिपाया… किसी दूसरे व्यक्ति को वो धन मिला और उसने भी उसे वापस छिपा दिया."
***[34:05](rc://en/tn/help/obs/34/05)** “**परमेश्वर का राज्य** बहुमूल्य सर्वोतम मोती की तरह भी है.”
***[42:09](rc://hi/tn/help/obs/42/09)** उसने ऐसे कई तरीको से अपने चेलों पर सिद्ध किया या कि वह जीवित है, और उन्हें **परमेश्वर के राज्य** की शिक्षा देता रहा.
***[49:05](rc://hi/tn/help/obs/49/05)** यीशु ने कहा कि **परमेश्वर का राज्य** इस संसार की सारी वस्तुओं से कहीं अधिक मूल्यवान है.
***[50:02](rc://hi/tn/help/obs/50/02)** जब यीशु पृथ्वी पर रहता था तब उसने कहा, "मेरे चेले दुनिया में हर जगह लोगों को **परमेश्वर के राज्य** के बारे में शुभ समाचार सुनाएंगे, उसके बाद अन्त आ जाएगा."