हिजकिय्याह यहूदा राज्य का तेरहवां राजा था। वह परमेश्वर को माननेवाला और परमेश्वर का आज्ञाकारी था।
* अपने पिता दुष्ट राजा आहाज के विपरीत हिजकिय्याह भला राजा था, उसने यहूदा राज्य में से मूर्तियों को ध्वंस कर दिया था।
* हिजकिय्याह बहुत रोगग्रस्त हो गया था और मरने पर था, उसने परमेश्वर से विनती की कि उसे जीवनदान दे। परमेश्वर ने उसे जीवन दान दिया और उसकी आयु को पन्द्रह वर्ष बढ़ा दिया।
* हिजकिय्याह के लिए अपने वचन को सत्य सिद्ध करने हेतु परमेश्वर ने यह आश्चर्यकर्म किया और समय को पीछे कर दिया।
* अपनी प्रजा को अश्शूरी राजा सन्हेरीब से बचाने के लिए हिजकिय्याह ने परमेश्वर से प्रार्थना की थी और परमेश्वर ने उसकी प्रार्थना सुनी।