बाईबल में "बुरा" शब्द का सन्दर्भ या तो नैतिक अनाचार या भावनात्मक मनोमालिन्य से है| इसको प्रकार ही अधिकतर स्पष्ट करेगा कि इस शब्द के प्रासंगिक उपयोग में अभिप्रेत अर्थ क्या है|
* “बुरा” शब्द मनुष्य के चरित्र का वर्णन करता है, जबकि “दुष्ट” शब्द मनुष्य के व्यवहार का वर्णन अधिक करता है| तथापि दोनों शब्द सहार्थी हैं|
* “दुष्टता” का सन्दर्भ होने की दशा से हैजो मनुष्यों द्वारा दुष्टता के कामों से अस्तित्व में आती है|
* बुराई के परिणाम स्पष्ट रूप से प्रकट हो जाते है जब मनुष्य दूसरों के साथ बुरा व्यवहार करता है, जैसे ह्त्या करना, चोरी करना, मानहानि करना,निर्दयता दिखाना और निष्ठुरता|
*__[2:4](rc://hi/tn/help/obs/02/04)__"परमेश्वर जानता है कि जैसे ही तुम इसे खाओगे, तो तुम परमेश्वर के सामान हो जाओगे औरउसी के सामान अच्छे और __बुरे__ को समझने लगोगे|"
*__[3:1](rc://hi/tn/help/obs/03/01)__ एक लंबे समय के बाद, बहुत से लोग दुनिया में रह रहे थे। वे बहुत __दुष्ट__ और निरंकुश हो गए थे।
*__[3:2](rc://hi/tn/help/obs/03/02)__ लेकिन नूह पर परमेश्वर का अनुग्रह था। वह __दुष्ट__ लोगों के बीच रहने वाला एक धर्मी जन था।
*__[4:2](rc://hi/tn/help/obs/04/02)__ परमेश्वर ने देखा कि अगर वे सभी एक साथ मिलकर __बुराई__ करते हैं, तो वे और भी अधिक पाप करेंगे।
*__[8:12](rc://hi/tn/help/obs/08/12)__ "दास के रूप में मुझे बेचकर तुमने __बुराई__ करने का प्रयास किया था, परन्तु परमेश्वर ने भलाई के लिए __बुराई__ का इस्तेमाल किया!"
*__[14:2](rc://hi/tn/help/obs/14/02)__ वे (कनानी) ने झूठे देवताओं की पूजा करते थे और अनेक __बुरे__ काम करते थे।
*__[17:1](rc://hi/tn/help/obs/17/01)__ लेकिन फिर वह (शाऊल) एक __दुष्ट__ व्यक्ति बन गया, जिसने परमेश्वर का आज्ञा पालन नहीं किया, इसलिए परमेश्वर ने एक अलग व्यक्ति को चुना जो एक दिन उसके स्थान पर राजा बनेगा।
*__[18:11](rc://hi/tn/help/obs/18/11)__ इस्राएलियों के नए राज्य में, सभी राजा __बुरे__ थे
*__[29:8](rc://hi/tn/help/obs/29/08)__ राजा इतना क्रोधित हुआ कि उसने उस __दुष्ट__ दास को बंदीगृह में डलवा दिया कि जब तक वह उसके सारे कर्ज का भुगतान न कर दे।
*__[45:2](rc://hi/tn/help/obs/45/02)__ उन्होंने कहा, "हमने सुना है वह(स्तिफनुस) मूसा और परमेश्वर के बारे में __बुरी__ बातें कहता है!"
*__[50:17](rc://hi/tn/help/obs/50/17)__ वह (यीशु) हर आंसू को मिटा देगा उसके बाद कोई पीड़ा, दुःख, रोना, __बुराई__, दर्द या मौत नहीं होगी।