लेवी याकूब या इस्राएल के बारह पुत्रों में तीसरा था। उसके वंशज इस्राएल का एक गोत्र हुए।
* उसके वंशजों को "लेवी का गोत्र" या "लेविय" कहा गया|
* लेवी नाम इब्रानी के उस शब्द के समरूप है जिसका अर्थ है, "से जुड़ना"|
* अन्य गोत्रों के सदृश्य लेवी गोत्र को कनान में अपना ही एक सम्पूर्ण भाग नहीं मिला था| उनको विभिन्न गोत्रों में यहाँ-वहाँ नगर दी गए थे
* लेवी मिलाप वाले तम्बू (उत्तरकाल में मंदिर) की देखभाल और धार्मिक अनुष्ठानों को करने के उत्तरदायी थे जिसमें बली चढ़ाना तथा लोगों के लिए प्रार्थना करना भी था।
*पुराने नियम में सर्वदा स्पष्ट नहीं है कि "लेवीय" शब्द सामान्य रूप से लेवी के वंशज के लिए काम में लिया गया है या विशिष्ट रूप से उस व्यक्ति के लिए जो याजकों के सहयोग में मंदिर में सेवारत था|
*पुराने नियम की व्यवस्था निर्दिष्ट था कि याजकों को लेवी के गोत्र से ही चुना जाना था| लेवीय याजक पृथक किए गए थे और मंदिर में परमेश्वर की विशिष्ट सेवा निमित्त उनका अभिषेक किया गया था|