“बाल” का अर्थ है, “प्रभु” या “स्वामी”, और पहले के झूठे देवता का नाम था जिनकी उपासना कनानी करते थे।
* बाल शब्द से व्युत्पन्न अन्य देवता भी थे गैर पिओरबाल। कभी-कभी इन सब देवताओं को एक साथ “बाल” कहा गया है।
* कुछ देवताओं के नाम में "बाल" शब्द जुड़ा हुआ था।
* बाल की पूजा में कुप्रथाएं भी शामिल है जैसे बच्चों की बलि चढ़ाना और वैश्यावृत्ति का अभ्यास।
* उनके इतिहास में विभिन्न युगों में इस्राएली भी बाल की पूजा करते थे और अन्य जातियों के उदाहरण पर चलते थे।
* राजा आहाब के राज्य काल में परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता एलिय्याह ने सिद्ध करके दिखाया था कि बाल नहीं यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है। परिणामस्वरूप बाल के पुजारियों को नष्ट कर दिया गया था और इस्राएली यहोवा की उपासना करने लगे थे।
* __[19:02](rc://en/tn/help/obs/19/02)__ अहाब एक दुष्ट व्यक्ति था जो लोगों को झूठे, __बाल__नामक देवता की उपासना करने के लिए प्रोत्साहित करता था।
* __[19:06](rc://en/tn/help/obs/19/06)__ इस्राएली राज्य के सभी लोगों सहित और बाल के नबी साढ़े चार सौ मनुष्य कर्मेल पर्वत पर इकट्ठा हुए | एलिय्याह ने लोगों से कहा, “कब तक तुम दो विचारो में लटके रहोगे ? यदि यहोवा परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो।’ यदि बाल परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो।’”
* __[19:07](rc://en/tn/help/obs/19/07)__ एलिय्याह ने बाल के भविष्यवक्ताओं से कहा, “पहले तुम एक बछड़ा चुन के तैयार कर लो, परन्तु आग न लगाना।”
* __[19:08](rc://en/tn/help/obs/19/08)__ तब बाल के भविष्यवक्ता यह कहकर बाल से प्रार्थना करते रहे, “हे बाल हमारी सुन, हे बाल हमारी सुन।”
* __[19:12](rc://en/tn/help/obs/19/12)__तब उन्होंने उनको पकड़ लिया, और एलिय्याह ने उन्हें नीचे ले जाकर मार डाला।