“धार्मिकता” परमेश्वर की परम भलाई, न्याय, विश्वासयोग्यता और प्रेम के संदर्भ में काम में लिया गया शब्द है। इन गुणों के होने से परमेश्वर "धर्मी" बनता है। क्योंकि परमेश्वर धर्मी है, उसके लिए पाप का दण्ड देना आवश्यक है।
* इन शब्दों द्वारा परमेश्वर के आज्ञाकारी और सदाचारी मनुष्य का भी चरित्र-चित्रण किया जाता है। परन्तु सबने पाप किया है, इसलिए परमेश्वर को छोड़ कोई भी पूर्ण धर्मी नहीं है।
* बाइबल में जिन लोगों को "धर्मी" कहा गया है वे हैं नूह, अय्यूब, अब्राहम, जकर्याह और इलीशिबा।
* उद्धार के लिए यीशु में विश्वास करनेवालों को परमेश्वर पापों से शुद्ध करता है और यीशु की धार्मिकता के कारण उन्हें धर्मी कहता है।
* जब परमेश्वर का उल्लेख होता है, तब “धर्मी” का अनुवाद होगा, “पूर्णतः भला और न्यायोचित” या “सदा सर्वदा धर्मनिष्ठा निभानेवाला” हो सकता हैं।
* परमेश्वर की “धार्मिकता” का अनुवाद “सिद्ध विश्वासयोग्यता और भलाई” हो सकता है।
* परमेश्वर के आज्ञाकारी मनुष्यों के उल्लेख में “धर्मी” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “नैतिकता में उचित” या “न्यायोचित” या “परमेश्वर को प्रसन्न करनेवाला जीवन व्यतीत करनेवाले"
* “धर्मी” का अनुवाद हो सकता है, “धर्मी लोग” या “परमेश्वर का भय मानने वाले लोग”
* प्रकरण के अनुसार “धार्मिकता” का अनुवाद हो सकता है, एक ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जा सकता है जिसका भावार्थ, “अच्छाई” या “परमेश्वर के सम्मुख सिद्ध होना” या परमेश्वर की आज्ञा मानकर उचित व्यवहार करना” या “पूर्णतः सिद्धता के काम करना”
* "अधर्मी"शब्द का अनुवाद हो सकता है, "धर्मी नहीं"
* प्रकरण के आधार पर इस शब्द के एनी अनुवाद रूप भी हो सकते हैंजैसे, "दुष्ट" या "अनैतिक" या "परमेश्वर के विद्रोही जन" या "पापी"
* "अधर्म" शब्द का अनुवाद हो सकता है, "पाप" या "बे विचार एवाम्कर्म" या "दुष्टता"
* यदि संभव हो तो इसका सर्वोत्तम अनुवाद वह होगा जिसमें इसका सम्बन्ध "धर्मी, धार्मिकता" से दर्शाया जाए|
* "खरा" शब्द का अनुवाद हो सकता है, "खरा व्यवहार" या "परमेश्वर की विधियों का पालन करना" या "परमेश्वर का आज्ञाकारी होना" या "ऐसा व्यवहार करना जो उचित हो"
* "खराई" शब्द का अनुवाद हो सकता है, "नैतिक शुद्धता" या "उत्तम सदाचार" या "औचित्य प्रदर्शन"
* "खरे मनुष्य" का अनुवाद हो सकता है, "मनुष्य जो खरे हैं" या "खरे मनुष्य"