* जकर्याह परमेश्वर से प्रेम करता था और उसकी आज्ञा मानता था।
* जकर्याह और उसकी पत्नी इलीशिबा वर्षों सन्तान प्राप्ति की प्रार्थना की थी परन्तु उन्हें पुत्र प्राप्त नहीं हुआ था। जब वे वृद्धावस्था को प्राप्त हुए तब परमेश्वर ने उनकी प्रार्थना सुनकर उन्हें पुत्र दिया।
* जकर्याह ने भविष्यद्वाणी की थी कि उसका पुत्र यूहन्ना एक भविष्यद्वक्ता होगा जो मसीह के लिए मार्ग तैयार करेगा।
* __[22:01](rc://en/tn/help/obs/22/01)__ अचानक एक स्वर्गदूत __जकरयाह__ नामक वृद्ध याजक के पास परमेश्वर का संदेश लेकर आया। __जकरयाह__ और उसकी पत्नी इलीशिबा वे दोनों परमेश्वर के सामने धर्मी थे, और प्रभु की सारी आज्ञाओं और विधियों पर निर्दोष चलने वाले थे।
* __[22:02](rc://en/tn/help/obs/22/02)__ स्वर्गदूत ने जकरयाह से कहा, “तेरी पत्नी इलीशिबा तेरे लिए एक पुत्र जनमेगी। और तू उसका नाम यूहन्ना रखना।”
* __[22:03](rc://en/tn/help/obs/22/03)__ तुरन्त ही, __जकरयाह__ गूंगा हो गया।
* __[22:07](rc://en/tn/help/obs/22/07)__ तब परमेश्वर ने __जकरयाह__ को अनुमति दी और वह फिर से बोलने लगा।