* __[23:04](rc://en/tn/help/obs/23/04)__ जब मरियम के जनने के दिन पूरे हुए, __रोमन__ साम्राज्य ने कहा कि सब लोग नाम लिखवाने के लिए अपने अपने नगर को जाए |
* __[32:06](rc://en/tn/help/obs/32/06)__ तब यीशु ने उस दुष्टात्मा से पूछा “तेरा क्या नाम है?” उसने उसे कहा “मेरा नाम सेना है: क्योंकि हम बहुत है |” (सेना 6000 सैनिकों का दल होता है |)
* __[39:09](rc://en/tn/help/obs/39/09)__ अगली सुबह यहूदी नेताओ ने यीशु को ले जाकर पिलातुस को सौंप दिया जो एक __रोमन__ राज्यपाल था।अगली सुबह यहूदी नेताओ ने यीशु को ले जाकर पिलातुस को सौंप दिया वे इस आशा में थे कि पिलातुस उसे दोषी ठहरा कर उससे मरवा डाले |
* __[39:12](rc://en/tn/help/obs/39/12)__ __रोमन__ सैनिकों ने यीशु को कोड़े मारे, और शाही बागा पहनाकर काँटों का मुकुट उसके सिर पर रखा | तब उन्होंने यह कहकर यीशु का मज़ाक उड़ाया “यहूदियों का राजा” देखो |