* __[4:6](rc://hi/tn/help/obs/04/06)__जब __अब्राम__ कनान देश पहुंचा तब परमेश्वर ने उसे कहा कि, “अपने चारों ओर देख क्योंकि जितनी भूमि तुझे दिखाई देती है, उस सब को मैं तुझे और तेरे वंश को दूँगा”
* __[5:4](rc://hi/tn/help/obs/05/04)__ परमेश्वर ने कहा कि अब तेरा नाम अब्राम न होकर अब्राहम होगा, जिसका अर्थ है –“मूलपिता।”
* __[5:5](rc://hi/tn/help/obs/05/05)__ लगभग एक साल बाद, जब __अब्राहम__ सौ वर्ष का हुआ और सारा नब्बे वर्ष की तो, सारा ने अब्राहम के पुत्र को जन्म दिया।
* __[5:6](rc://hi/tn/help/obs/05/06)__ जब इसहाक जवान हुआ, परमेश्वर ने __अब्राहम__ से यह कहकर उसकी परीक्षा ली,”अपने एकलौते पुत्र इसहाक को मेरे लिए होमबलि करके चढ़ा।"
* __[6:1](rc://hi/tn/help/obs/06/01)__ जब __अब्राहम__ वृद्ध हो गया था, तबउसका पुत्र, इसहाक वयस्क हो चुका था, __अब्राहम__ ने अपने दासों में से एक को अपने परिजनों के देश में भेजा कि वह उसके पुत्र, इसहाक के लिए एक पत्नी ले आएगा।
* __[6:4](rc://hi/tn/help/obs/06/04)__ एक लंबे समय के बाद __अब्राहम__ की मृत्यु हो गयी, परमेश्वर ने अब्राहम से जो वाचा बाँधी थी उसमें की गईं परमेश्वर की सब आशीषें इसहाक को मिलीं।
* __[21:2](rc://hi/tn/help/obs/21/02)__ परमेश्वर ने अब्राहम से वाचा बाँधी कि भूमंडल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएँगे।