* पौलुस अपने जीवन के लिए कहता है कि वह अर्घ की भांति उण्डेला जा रहा है। इसका अर्थ है कि वह परमेश्वर की सेवा में पूर्णतः समर्पित था कि मनुष्यों में सुसमाचार सुनाए,जबकी वह जानता था कि वह इस प्रयोजन निमित्त कष्ट उठाएगा वरन मार डाला भी जाएगा।
* क्रूस पर यीशु की मृत्यु परम अर्घ था क्योंकि हमारे पापों के कारण क्रूस पर उसका लहू उंडेला गया था।
* पौलुस कहता है कि वह अर्घ के समान उण्डेला जा रहा है तो इसका अनुवाद हो सकता है, “मैं मनुष्यों में परमेश्वर का शुभ सन्देश सुनाने के लिए पूर्णतः समर्पित हूं जैसे दाखमधु को वेदी पर अर्घ करके चढ़ाया जाता है”।