“मेलबलि” परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार इस्राएल में जो बलियां चढ़ती थी उनमें से एक यह भी थी। * इसे कभी-कभी “धन्यवाद की बलि” या “सहभागिता की बलि” भी कहा गया है।
* इनमें एक निर्दोष पशु को बलि किया जाता था और उस पशु का लहू वेदी पर छिड़का जाता था, उसकी चर्बी तथा पशु को अलग जलाया जाता था।
* इस बलि के साथ अखमीरी रोटी तथा खमीरी रोटी दोनों की भेंट चढ़ाई जाती थी जिन्हें होमबलि के ऊपर जलाया जाता था।
* याजक और उपासक दोनों को यह मांस खाने की अनुमति थी।
* इस बलि में परमेश्वर की अपने लोगों के साथ सहभागिता प्रकट होती थी।