* यहूदी कभी-कभी प्राकृतिक गुफाओं को कब्रों के लिए काम में लेते थे। कभी-कभी वे पहाड़ों की चट्टानों में गुफा खोदते थे।
* नये नियम के युग में, ऐसी कब्रों को बन्द करने के लिए उन पर बड़ा पत्थर लुढ़का देना एक आम अभ्यास था।
* यदि लक्षित भाषा में कब्र के लिए प्रयुक्त शब्द केवल शव को गाड़ने के लिए धरती में बनाया गया एक छेद के सन्दर्भ में हो तो इसके अनुवाद के अन्य रूप हो सकते हैं: "गुफा" या पहाड़ में किया गया छेद"।
* प्रतीकात्मक रूप में और अक्सर “कब्र” शब्द मृतक अवस्था को दर्शाने या मृतकों की आत्माओं के स्थान के लिए काम में आता है।
* __[32:4](rc://hi/tn/help/obs/32/04)__ वह __कब्रों__ में रहा करता था। वह रात दिन चिल्लाता रहता था|
* __[37:6](rc://hi/tn/help/obs/37/06)__ यीशु ने उनसे पूछा “तुमने लाज़र को कहाँ रखा है?” उन्होंने उससे कहा, "__कब्र__ में, आओ और देख लो |” तब यीशु रोया|
* __[37:7](rc://hi/tn/help/obs/37/07)__ वो __कब्र__ एक गुफा थी जिसके द्वार पर एक बड़ा पत्थर लुढ़का दिया गया था|
* __[40:9](rc://hi/tn/help/obs/40/09)__ तब यूसुफ और नीकुदेमुस, दो यहूदी याजक जिन्हें विश्वास था कि यीशु ही मसीह है, पिलातुस के पास जाकर यीशु का शव माँगा | उन्होंने उसके शव को उज्ज्वल चादर में लपेटा, और चट्टान में खुदवाई गई __कब्र__ में रख दिया | तब उन्होंने द्वार पर बड़ा पत्थर लुढ़काकर उसे बन्द कर दिया|
* __[41:4](rc://hi/tn/help/obs/41/04)__ उसने कब्र के पत्थर को जो __कब्र__ के द्वार पर लगा था हटा दिया और उस पर बैठ गया, __कब्र__ की रखवाली करने वाले पहरुए काँप उठे और मृतक समान हो गए|
* __[41:5](rc://hi/tn/help/obs/41/05)__ जब महिलाएँ __कब्र__ पर पहुँची, तब स्वर्गदूत ने उन स्त्रियों से कहा, “मत डरो | यीशु यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है|" आओ, यह स्थान देखो |” तब उन स्त्रियों ने __कब्र__ में देखा और जहा यीशु का शरीर रखा गया था वहाँ देख| उसका शरीर वहा नहीं था|