बाइबल के युग में “पहर” रात का एक समय था जिस समय नगर का पहरूआ या सुरक्षाकर्मी बैरी के संकट की चौकसी करता था।
* पुराने नियम में इस्राएल के लिए तीन पहर होते थे, पहला, सूर्यास्त से रात्रि 10 बजे तक, दूसरा रात्रि दस बजे से 2 बजे तक, और भोर, 2 बजे से सूर्योदय तक।
* नये नियम में यहूदी रोमी पद्धति पर चलने लगे थे जिसमें रात चार पहरों में विभाजित थी, पहला (सूर्यास्त से रात्रि 9 बजे तक), दूसरा (रात्रि 9 बजे से मध्यरात्रि 12 बजे तक), तीसरा (मध्यरात्रि 12 बजे से सुबह 3 बजे तक) और चौथा (3 बजे से सूर्योदय तक)।
* इसका अनुवाद अधिक सामान्य रूप में “उत्तरकालीन संध्या या मध्यरात्रि या भोर” जो निर्भर करता है कि किस पहर की चर्चा की जा रही है।