“यहोवा” परमेश्वर का नाम है, उसने उस जलती हुई झाड़ी पर मूसा को यह नाम बताया था
* “यहोवा” नाम उस शब्द से आता है जिसका अर्थ है “होना” या “अस्तित्व में है।”
* “यहोवा” के संभावित अर्थ हो सकते हैं, “वह है” या “मैं हूँ” या “वह जो होता है”।
* इन नाम का अर्थ है परमेश्वर सदा से जीवित है और रहेगा। इसका अर्थ सदा उपस्थित भी है।
* निम्नलिखित परंपरा, कई बाइबल संस्करण शब्द "प्रभु" को दर्शाने के लिए "यहोवा" उपयोग किया है। यह परंपरा इस तथ्य से हुई है कि ऐतिहासिक रूप से, यहूदी लोग डरते हैं कि यहोवा का नाम का उच्चारण गलत ढंग से न हो इसलिए जहाँ भी पाठ में यहोवा आया वहां वे प्रभु कहने लगे। आधुनिक बाइबल "प्रभु"(लार्ड) को अंग्रेजी में बड़े अक्षरों में लिखा जाता है कि परमेश्वर के नाम का सम्मान हो।
* यू.एल.बी. और यू.डी.बी. परमेश्वर के नाम को “यहोवा” ही लिखते हैं जैसा इब्रानी भाषा के पुराने नियम में है।
* नये नियम में “यहोवा” नाम का उपयोग नहीं किया गया है; केवल “प्रभु” के लिए यूनानी शब्द का प्रयोग किया जाता है, यहाँ तक कि पुराने नियम के उद्धरण में भी।
* पुराने नियम में जब परमेश्वर स्वयं के बारे में कहता है तब वह सर्वनाम के स्थान में अपना नाम लेता है।
* सर्वनाम “मैं” और “मुझ” के द्वारा यू.एल.बी. पाठकों के लिए स्पष्ट करती है कि कहनेवाला परमेश्वर ही है।
* “यहोवा” शब्द के स्थान में “मैं हूँ” या “जीवित प्रभु” या “अस्तित्ववान” या “वह जो जीवित है” काम में लिया जा सकता है।
* यह शब्द इस प्रकार लिखा जाए जो “यहोवा” शब्द की वर्तनी के सदृश्य दिखाई दे।
* कुछ कलीसिया के संप्रदायों में "यहोवा" शब्द का प्रयोग करना पसंद नहीं करते हैं और बदले में पारंपरिक प्रतिपादन "प्रभु"(लार्ड को अंग्रेजी में बड़े अक्षरों में) का प्रयोग करते हैं। एक महत्वपूर्ण विचार यह है कि यह भ्रामक हो सकता है जब बड़े पैमाने पर पढ़ा जा सकता है क्योंकि यह शीर्षक "प्रभु" के समान होगा। कुछ भाषाओँ में प्रत्यय या व्याकरणिक निशान जोड़े जा सकते है जो अंतर करता है “प्रभु” (लार्ड को अंग्रेजी में बड़े अक्षरों में)को नाम के तौर पर (यहोवा) और “प्रभु” को शीर्षक के तौर पर।
* यदि संभव हो तो उचित यही होगा कि जहां-जहां यहोवा का नाम आता है उसे ज्यों का त्यों ही रखें परन्तु कुछ अनुवादों में केवल सर्वनाम का ही उपयोग किया गया है कि पाठ को अधिक स्पष्ट एवं सहज बनाया जाए।
* कुछ इस तरह से उद्धरण लिखें, "यहोवा यूं कहता है।"
* __[09:14](rc://en/tn/help/obs/09/14)__ परमेश्वर ने मूसा से कहा मैं जो हूँ सो हूँ। उनसे कहना “जिसका नाम मैं हूँ है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।” “सदा तक मेरा नाम यही रहेगा।”
* __[13:04](rc://en/tn/help/obs/13/04)__ परमेश्वर ने उन्हें वाचा दी और कहा, "मैं तेरा परमेश्वर __यहोवा__ हूँ, जो तुझे दासत्व के घर अथार्त् मिस्र देश से निकाल लाया है। तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न मानना।”
* __[13:05](rc://en/tn/help/obs/13/05)__ “तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी की प्रतिमा बनाना, तू उनकी उपासना न करना क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर __यहोवा__ जलन रखने वाला परमेश्वर हूँ।"
* __[16:01](rc://en/tn/help/obs/16/01)__ इस्राएलियों ने __यहोवा__ जो सच्चा परमेश्वर है उसके स्थान पर, कनानियो के देवता की उपासना करना आरम्भ किया।
* __[19:10](rc://en/tn/help/obs/19/10)__ फिर एलिय्याह ने प्रार्थना की, “हे अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के परमेश्वर __ यहोवा!__ आज यह प्रगट कर कि इस्राएल में तू ही परमेश्वर है, और मैं तेरा दास हूँ,