* बाइबल के युग में टोकरियां संभवतः पौधों के दृढ़ भागों से बनती थी जैसे पेड़ की शाखओं के छिलके या सरकंडे।
* टोकरी में जल अवरोधक सामग्री लगाने से वह पानी पर तैरती थी।
* मूसा जब शिशु था तब उसकी माता ने एक टोकरी बनाकर उसे जल अवरोधक करके उसमें मूसा को रखा और नील नदी के नरकटों में रख दिया।
* इस कहानी में जिस शब्द का अनुवाद “टोकरी” किया गया है उसी शब्द का अनुवाद “नाव” भी किया गया है जिसका निर्माण नूह ने किया था। इन दोनों प्रकरणों में इन शब्दों का अभयनिष्ठ अनुवाद “तैरने वाला पात्र” किया जा सकता है।