बाइबल में, "दाखरस" शब्द एक प्रकार का किण्वत पीने का जो एक फल के रस से बनता है जिसे अंगूर कहते हैं। दाखमधु मशकों में रखा जाता था। मशक पशु की खाल से बनी थैली होती थी।
* “नया दाखरस” अर्थात् अंगूर का ताजा रस जिसका किण्वन नहीं किया गया है। कभी-कभी दाखमधु किण्वत रहित दाखरस को भी कहते थे।
* बाइबल के युग में दाखमधु भोजन के साथ एक सामान्य पेय पदार्थ था। उसमें मद्य की मात्रा उतनी नहीं होती थी जितनी आज की दाखरस में होती है।
* भोजन के समय परोसी गई मदिरा में प्रायः पानी मिलाया गया होता था।
* पुरानी मशक कड़क होकर भंगुरावस्था में आ जाती थी जिसकी दरारों में से दाखरस बह जाता था। नई मशकें कोमल एवं लचीली होती थी अर्थात वे फटती नहीं थी और दाखरस को सुरक्षित रखने के लिए उचित थी।
* यदि आपकी संस्कृति में दाखरस नहीं जानी जाती है तो इसका अनुवाद “किण्वन किया हुआ अंगूर का रस” कह सकते हैं या “अंगूर के फलों से किण्वन किया हुआ रस” या “किण्वन किया हुआ फलों का रस” (देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे](rc://en/ta/man/translate/translate-unknown))