किसी वस्तु या व्यक्ति पर “भरोसा” करने से तात्पर्य उस वस्तु या व्यक्ति को सच्चा एवं भरोसेमंद मानने से है। उस विश्वास को "भरोसा" भी कहा जाता है। “विश्वासयोग्य” मनुष्य पर भरोसा किया जा सकता है कि वह सही और सत्य को कहे और करे, और इसलिए जिसकी "विश्वसनीयता" की गुणवत्ता है।
* भरोसा, विश्वास से संबन्धित है जब हम किसी पर भरोसा करते हैं तब हम उस पर विश्वास करते हैं कि उसने जिस बात की प्रतिज्ञा की है उसे वह पूरा करेगा।
* किसी पर भरोसा करने का अर्थ है उस पर निर्भर रहना।
* मसीह “पर भरोसा” करने का अर्थ है विश्वास करना कि वह परमेश्वर है, कि वह हमारे पापों का दण्ड उठाने के लिए क्रूस पर मरा और हमारे उद्धार के लिए उस पर निर्भर रहना।
* “एक "भरोसेमंद कहावत" कुछ ऐसा करने के लिए संदर्भित करता है जिसे सच माना जा सके।
## अनुवाद के लिए सुझाव: ##
* “भरोसा” के अनुवाद में, “विश्वास” या “यकीन” या “पक्की आशा” या “निर्भर रहना” शामिल हो सकते हैं।
* “में भरोसा रखो” का अर्थ “भरोसा रखने” से मिलता जुलता है।
* शब्द "भरोसेमंद" का अनुवाद “विश्वासयोग्य” या “विश्वास के योग्य” या “सदैव भरोसे में है” हो सकता है।
* __[12:12](rc://en/tn/help/obs/12/12)__ जब इस्राएलियों ने देखा कि मिस्र के लोग मारे गए है, तो उन्होंने परमेश्वर पर __भरोसा किया__ और विश्वास करने लगे कि मूसा परमेश्वर का एक नबी है।
* __[14:15](rc://en/tn/help/obs/14/15)__यहोशू एक अच्छा अगुआ था क्योंकि वह परमेश्वर पर __विश्वास__ करता था व उसकी आज्ञाओ का पालन करता था।
* __[17:02](rc://en/tn/help/obs/17/02)__दाऊद एक बहुत ही नम्र व धर्मी पुरुष था, जो परमेश्वर पर __विश्वास__ और उसकी आज्ञाओं का पालन करता था।
* __[34:06](rc://en/tn/help/obs/34/06)__ फिर यीशु ने उन लोगों के बारे में एक कहानी बताई जो __ अपने स्वयं के अच्छे कर्मों पर __विश्वास__ रखते थे और अन्य लोगों के साथ घृणा करते थे।