नरक अनन्त पीड़ा और कष्टों का वह अन्तिम स्थान है जहां परमेश्वर उसके द्रोहियों को और यीशु के बलिदान के द्वारा उनके उद्धार की योजना का तिरस्कार करनेवालों को दण्ड देगा। इसे “आग की झील” भी कहा गया है।
* शैतान और उसके साथ की दुष्टात्माएं अनन्त दण्ड के लिए नरक में डाली जाएंगी।
* जो लोग उनके पापों के लिए यीशु के बलिदान में विश्वास नहीं करते और उद्धार के लिए उसमें विश्वास नहीं करते उन्हें भी सदा के लिए दण्ड हेतु नरक में डाला जाएगा।
* __[50:14](rc://en/tn/help/obs/50/14)__ वह (परमेश्वर) उन्हें __नरक__ में फेंक देगा, जहाँ वे वेदना में सदा रोएँगे और दाँत पीसेंगे। वह आग जो कभी नही बुझती उन्हें हमेशा जलाती रहेगी और कीड़े उन्हें हमेशा खाते रहेंगे।
* __[50:15](rc://en/tn/help/obs/50/15)__ वह शैतान को __नरक__ में डाल देगा जहाँ वह उन लोगों के साथ हमेशा जलता रहेगा, जिन्होंने परमेश्वर की आज्ञा मानने की बजाय उसकी बात मानने का चुनाव किया।