बाइबल के युग में “सवारों” का अर्थ था युद्ध में घोड़े की सवारी करनेवाला।
* रथों पर सवारी करनेवाले योद्धाओं को भी “सवारों” कहते थे। जबकि सवार वास्तव में घोड़े की सवारी करनेवाला होता है।
* इस्राएलियों का मानना था कि युद्ध में घोड़े काम में लेना यहोवा की अपेक्षा अपनी शक्ति पर अधिक भरोसा रखना था, अतः वे अधिक शक्ति पर अधिक भरोसा रखना था, अतः वे अधिक घुड़सवारों को नहीं रखते थे।
* इसका अनुवाद “घोड़े के सवार” या “घोड़े पर सवार मनुष्य” हो सकता है।