(यह भी देखें: [याकूब](../names/jacob.md), [इस्राएल का राज्य](../names/kingdomofisrael.md), [यहूदा](../names/kingdomofjudah.md), [राष्ट्र](../other/nation.md), [इस्राएल के बारह गोत्र](../other/12tribesofisrael.md))
* __[08:15](rc://en/tn/help/obs/08/15)__ बारह पुत्रों की सन्तान से __इस्राएल__ के बारह गोत्र बन गए।
* __[09:03](rc://en/tn/help/obs/09/03)__ मिस्रियो ने __इस्राएलियों__ से कठोरता के साथ सेवा करवाई, और यहाँ तक कि कई इमारते व पूरे नगर का निर्माण करवाया।
* __[09:05](rc://en/tn/help/obs/09/05)__ एक इस्राएली महिला ने पुत्र को जन्म दिया।
* __[10:01](rc://en/tn/help/obs/10/01)__ उन्होंने कहा, “इस्राएल का परमेश्वर यों कहता है, ‘मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे !’”
* __[14:12](rc://en/tn/help/obs/14/12)__ परन्तु इन सब के बावजूद भी, __इस्राएली__ परमेश्वर व मूसा के विरुद्ध बुड़बुड़ाते रहें।
* __[15:09](rc://en/tn/help/obs/15/09)__ परमेश्वर उस दिन __इस्राएल__ के लिए लड़े। परमेश्वर ने एमोरियों को उलझन में डाल दिया, और ओले भेजकर बहुत से एमोरियों को घात किया।
* __[15:12](rc://en/tn/help/obs/15/12)__ युद्ध के बाद, परमेश्वर ने __इस्राएलियों__ को वह सारा देश दिया, जिसे उसने उनको पूर्वजों से शपथ खाकर देने को कहा था; और वे उसके अधिकारी होकर उसमे बस गए। तब परमेश्वर ने __इस्राएलियों__ को सारी सीमा के साथ शांति प्रदान की |
* __[16:16](rc://en/tn/help/obs/16/16)__ तो परमेश्वर ने __इस्राएलियों__ को फिर से दंडित किया, क्योंकि उन्होंने मूर्ति की उपासना की थी।
* __[43:06](rc://en/tn/help/obs/43/06)__ “हे __इस्राएलियो__ ये बातें सुनो: यीशु नासरी एक मनुष्य था, जिसने परमेश्वर की सामर्थ्य से कई आश्चर्य के कामों और चिन्हों को प्रगट किया, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो”