बाइबल में “पवित्रस्थान” और “परम पवित्रस्थान” मिलापवाले तम्बू या मन्दिर के दो कक्षों के संदर्भ में आते हैं।
* “पवित्र स्थान” पहला कक्ष था जिसमें धूप जलाने की वेदी और भेंट की रोटियाँ रखने की मेज थी।
* “परम पवित्र स्थान” अन्तरतम कक्ष या जिसमें वाचा का सन्दूक रखा हुआ था।
* एक मोटी, भारी पर्दे बाहरी कक्ष को भीतरी कक्ष से अलग करता है।
* परमपवित्र स्थान में केवल महायाजक प्रवेश कर सकता था।
* कभी-कभी पवित्र स्थान संपूर्ण मन्दिर या मिलापवाले तम्बू के लिए काम में लिया गया है। कभी-कभी पवित्र स्थान परमेश्वर की लिए पृथक किए गए किसी भी स्थान के संदर्भ में होते हैं।
* “परम पवित्र स्थान” का अनुवाद “परमेश्वर के लिए सर्वथा पृथक कक्ष” या “परमेश्वर से भेंट करने का अति विशेष कक्ष”
* प्रकरण के अनुसार “पवित्र स्थान” का अनुवाद “परमेश्वर का अभिषिक्त स्थान” या “परमेश्वर द्वारा पृथक किया गया स्थान” या “मन्दिर में पवित्र स्थान” या “परमेश्वर के मन्दिर का परिसर”।