सुलैमान दाऊद के पुत्रों में से एक था। उसकी माता बतशेबा थी।
* जब सुलैमान राजगद्दी पर बैठा तब परमेश्वर ने उससे कहा था कि वह जो चाहे उससे मांग ले। अत: सुलैमान ने अपनी प्रजा पर उचित प्रशासन करने के लिए बुद्धि मांगी थी। परमेश्वर सुलैमान की इस विनती से प्रसन्न हुआ और उसे बुद्धि और धन दोनों दिया।
* सुलैमान ने आरम्भिक वर्षों में तो बड़ी बुद्धिमानी से राज किया परन्तु उत्तरकाल में उसने अन्यजाति स्त्रियों से विवाह करके मूर्ति पूजा आरम्भ कर दी थी।
* सुलैमान के इस विश्वासघात के कारण परमेश्वर ने उसके मृत्यु के बाद इस्राएल को दो राज्यों में विभाजित कर दिया, इस्राएल और यहूदा। ये दोनों राज्य प्राय: लड़ते रहते थे।
* __[17:14](rc://hi/tn/help/obs/17/14)__ उसके बाद, दाऊद और बतशेबा का एक और पुत्र उत्पन्न हुआ उसका नाम उन्होंने __सुलैमान__ रखा।
* __[18:1](rc://hi/tn/help/obs/18/01)__ कई वर्षों बाद, जब दाऊद की मृत्यु हो गई, तब उसके पुत्र __सुलैमान__ ने इस्राएल पर शासन करना आरंभ किया | परमेश्वर ने __सुलैमान__ से बात की और उससे कहा, “जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूँ, वह माँग |” जब __सुलैमान__ ने बुद्धि माँगी, परमेश्वर उससे प्रसन्न हुआ और उसे संसार का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति बना दिया | परमेश्वर ने उसे बहुत धनवान मनुष्य भी बनाया |
* __[18:2](rc://hi/tn/help/obs/18/02)__ यरुशेलम में, __सुलैमान__ ने अपने पिता की योजना के अनुसार एक भवन बनाने का निर्णय किया और उसके लिए सामान एकत्र किया |
* __[18:3](rc://hi/tn/help/obs/18/03)__ परन्तु __सुलैमान__ अन्य देशों की महिलाओं से प्रेम करता था |...अत: जब __सुलैमान__ बूढ़ा हुआ तब उसकी स्त्रियों ने उसका मन पराये देवताओं की ओर बहका दिया |
* __[18:4](rc://hi/tn/help/obs/18/04)__ तब परमेश्वर ने __सुलैमान__ पर क्रोध किया, और __उसकी__ अनिष्ठा के कारण उसे दंड दिया, और वाचा बाँधी कि __सुलैमान__ की मृत्यु के बाद वह इस्राएल के राज्य को दो भागों में विभाजित कर देंगा।