* __[30:8](rc://hi/tn/help/obs/30/08)__ यीशु ने रोटियाँ और मछलियाँ तोड़-तोड़ कर __चेलों__ को दी कि वे लोगों को परोसे। __चेलों__ ने रोटियाँ और मछलियाँ सब में बाँट दी, और रोटियाँ और मछलियाँ कम नहीं पड़ी।
* __[38:1](rc://hi/tn/help/obs/38/01)__ यीशु मसीह के सार्वजनिक उपदेशों के तीन साल बाद अपना पहला उपदेश शुरू किया। यीशु ने अपने __चेलों__ से कहा कि वह यरूशलेम में उनके साथ फसह का उत्सव मनाना चाहता था, और यह वही जगह है जहाँ उसे मार डाला जाएगा।
* __[38:11](rc://hi/tn/help/obs/38/11)__ फिर वह गतसमनी नामक एक जगह में अपने __चेलों__ के साथ आया। यीशु ने अपने __चेलों__ से कहा कि प्रार्थना करते रहो कि परीक्षा में न पड़ो।
* __[42:10](rc://hi/tn/help/obs/42/10)__ यीशु ने अपने __चेलों__ से कहा, “ स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिये तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को __चेला__ बनाओ और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ।”