*एक संभावना है कि "होरेब" उस पर्वत का वास्तविक नाम है और "सीनै पर्वत"का सरल सा अर्थ है, "सीने का पहाड़" जिसका सन्दर्भ इस तथ्य से है कि होरेब पर्वत सीनै के मरुस्थल में है|
* इस पर्वत को "परमेश्वर का पर्वत" भी कहते हैं।
* यह वही स्थान है जहाँ मूसा ने भेड़ें चराते समय जलती हुई झाड़ी देखी थी।
* यह वही स्थान है जहां परमेश्वर ने इस्राएलियों के साथ वाचा बंधी थी और उनको पत्थर की पट्टियों पर आज्ञाएं लिख कर दी थीं।
* यह वह स्थान भी है जहां परमेश्वर ने मूसा को आज्ञा दी थी कि चट्टान को मार कर पानी निकाले कि मरुस्थल में चलते हुए इस्राएली तृप्त हो जाएं।
* __[13:3](rc://hi/tn/help/obs/13/03)__ तीसरे दिन के बाद, जब लोगों ने अपने आप को आत्मिक रूप से तैयार कर लिया,तब परमेश्वर गर्जन और बिजलियों के चमकने, और धुएं और तुरही के ऊँचे शब्द के साथ __सीनै पर्वत__ पर उतर आया |
* __[15:13](rc://hi/tn/help/obs/15/13)__ तब यहोशू ने इस्राएलियों को वह वाचा याद दिलाई जो परमेश्वर ने उनके साथ __सीनै पर्वत__ पर बाँधी थी, कि वे उसका पालन करने के लिए बाद्य हैं।