“दण्डवत्” करने का अर्थ है किसी को सम्मान या श्रद्धा अर्पित करने के लिए दीनता पूर्वक झुकना। “दण्डवत् करना” का अर्थ है बहुत अधिक झुकना या घुटनों पर गिरना जिसमें मुख और हाथ भूमि की ओर हों।
* अन्य अभिव्यक्तियों में “घुटने भूमि पर टिकाना” और “सिर झुकाना” (सिर को दीनता पूर्वक सम्मान में आगे की ओर झुकना या दुःख में ऐसा करना)
* “दण्डवत् करना” निराशा और शोक का चिन्ह भी होता है। जिसने “घुटने टेके” वह दीनता की हीन दशा में होता है।
* मनुष्य प्रायः ऊंचे पद या ऊंचे स्तर के मनुष्य के समक्ष घुटने टेकता है जैसे राजाओं और शासकों को।
* परमेश्वर के समक्ष घुटने टेकना उसकी आराधना की अभिव्यक्ति है।
* बाइबल में लोग यीशु के समक्ष घुटने टेकते थे जब उन्हें उसके आश्चर्यकर्मों एवं शिक्षा से यह बोध होता था कि वह परमेश्वर की ओर से भेजा गया है।
* बाइबल में लिखा है कि जब यीशु पुनः आएगा तब हर एक मनुष्य उसकी आराधना में घुटने टेकेगा
## अनुवाद के सुझाव: ##
* प्रकरण के अनुसार इस उक्ति का अनुवाद एक ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जाए जिसका अर्थ है “आगे को झुकना” या “सिर झुकाना” या “घुटने टेकना”।
* “घुटने टेकने” का अनुवाद “घुटनों पर गिरना” या “दण्डवत् करना” हो सकता है।