* जब अश्शूरों ने उत्तरी राज्य इस्राएल को जीत लिया था और उस पर अधिकार कर लिया था तब उन्होंने अधिकाँश इस्राएलियों को वहां से बलपूर्वक ले जाकर दूर अश्शूर देश के विभिन्न नगरों में बसा दिया था।
* अश्शूर अनेक परदेशियों को वहां सामरिया में लाकर इस्राएलियों के स्थान में बसा कर चले गए थे।
(यह भी देखें: [अश्शूर](../names/assyria.md), [गलील](../names/galilee.md), [यहूदिया](../names/judea.md), [शारोन](../names/sharon.md), [इस्राएल का राज्य](../names/kingdomofisrael.md))
* __[20:4](rc://hi/tn/help/obs/20/04)__ तब अश्शूरियों ने इस्राएल राज्य की भूमि पर अन्यजातियों को लाकर बसा दिया | इनअन्यजातियों ने उस नष्टकिए हुए शहर का पुनर्निर्माण किया, और वहाँ बचे हुए इस्राएलियों से विवाह किया| इन इस्राएलियों के वंशज जिन्होंने अन्यजातियों से विवाह किया था __सामारी__ कहलाए|
* __[27:8](rc://hi/tn/help/obs/27/08)__ "अगला मनुष्य जो उस मार्सेग से होकर जा रहा था वह एक __सामरी__ था| (__सामरी__ उन यहूदियों के वंश के थे, जिन्होंने अन्यजातियों के लोगों से विवाह किया था| __सामरी__ और यहूदी एक दूसरे से घृणा करते थे।)"
* __[27:9](rc://hi/tn/help/obs/27/09)__उस __सामरी__ व्यक्ति ने उस घायल व्यक्ति को अपने गधे पर लाद लिया और उसे सड़क के पार एक सराय में ले गया जहाँ उसकी देख-भाल की|"
* __[4507](rc://hi/tn/help/obs/45/07)__ वह (फिलिप्पुस)__सामरिया__ नगर में गया और वहा लोगों को यीशु के बारे में बताया और बहुत से लोग बचाए गए|