* उस कारण उसके भाई उससे डाह करते थे और उसे दास होने के लिए बेच दिया।
* मिस्र देश में यूसुफ पर झूठा दोष लगाकर कारावास में डाल दिया गया।
* सब कष्टों के उपरान्त भी यूसुफ परमेश्वर का निष्ठावान रहा।
* परमेश्वर उसे मिस्र देश में अधिकार के दूसरे सर्वोच्च स्थान पर ले आया और जब भोजन कम था तब उसके द्वारा मनुष्यों को बचाया। मिस्र की प्रजा वरन यूसुफ का अपना परिवार भी भूखें मरने से बचाया गया।
* __[08:02](rc://en/tn/help/obs/08/02)__ __यूसुफ__ के भाई उससे बैर रखते थे क्योंकि जब यूसुफ के भाइयो ने देखा कि हमारा पिता हम सबसे अधिक उसी से प्रीति रखता है, और यूसुफ ने स्वप्न में देखा था कि वह अपने भाइयो पर राज्य करे।
* __[08:04](rc://en/tn/help/obs/08/04)__ और व्यापारी __यूसुफ__ को मिस्र ले गए।
* __[08:05](rc://en/tn/help/obs/08/05)__ यहाँ तक की बंदीगृह में भी __यूसुफ__ परमेश्वर के प्रति निष्ठावान रहा और परमेश्वर ने उसे आशीष दी।
* __[08:07](rc://en/tn/help/obs/08/07)__ परमेश्वर ने __यूसुफ__ को यह योग्यता दी थी कि वह स्वप्न का अर्थ समझ सके, इसलिये फ़िरौन ने यूसुफ को बंदीगृह से बुलवा भेजा।
* __[08:09](rc://en/tn/help/obs/08/09)__ __यूसुफ__ ने सात वर्ष अच्छी उपज के दिनों में भोजनवस्तुएँ इकट्ठा करने के लिये लोगों से कहा।
* __[09:02](rc://en/tn/help/obs/09/02)__मिस्र वासी अब __यूसुफ__ को भूल गये थे और उन कार्यो को जो उसने उनकी सहायता करने के लिये किये थे।