“अभक्त” और “अधर्मी" शब्दों का विवरण परमेश्वर से विरोध करने वाले लोगो के लिए किया जाता है। अधर्म में जीवन निर्वाह करने वाले लोग, परमेश्वर पर चित्त नहीं लगाने को “अभक्ति” या “अधर्म” कहते हैं।
* इन शब्दों के अर्थ लगभग एक से ही हैं। तथापि “अभक्त” और “अभक्ति” अधिक पराकाष्ठा व्यक्त करते हैं, अर्थात वो लोग या जाति जो परमेश्वर को नहीं मानते है और न ही उन पर परमेश्वर का राज्य स्वीकार करते है।
* परमेश्वर अभक्तों और हर एक जन जो उसे और उसकी विधियों को अस्वीकार करते है उन पर क्रोध और दण्ड की घोषणा करता है।
## अनुवाद के सुझाव ##
* संदर्भ पर आधारित “अभक्त” शब्द का अनुवाद, “परमेश्वर को अप्रिय ” या “अनैतिक” या “परमेश्वर के अवज्ञाकारी”हो सकता है।
* “अभक्त” और “अभक्ति” का वास्तविक अर्थ है कि मनुष्य “परमेश्वर के बिना” है या “परमेश्वर पर विचार नहीं करते” या “उनका व्यवहार ऐसा है कि वे परमेश्वर को नहीं मानते”।
* अनुवाद की अन्य विधियां, “अभक्ति” या “अधर्म” का अनुवाद “दुष्ट” या “बुरा” या “परमेश्वर से विद्रोह” हो सकता है।
(यह भी देखें: [ईश्वर-भक्त](../kt/godly.md), [बुराई](../kt/evil.md))