* __[28:9](rc://hi/tn/help/obs/28/09)__ इस पर __पतरस__ ने उससे कहा, “देख हम तो सब कुछ छोड़ के तेरे पीछे हो लिए हैं | तो हमें इसका क्या प्रतिफल मिलेगा ?”
* __[29:1](rc://hi/tn/help/obs/29/01)__ एक दिन __पतरस__ ने पास आकर यीशु से पूछा , “हे प्रभु, यदि मेरा भाई अपराध करता रहे, तो मैं उसे कितनी बार क्षमा करूँ? क्या सात बार तक?”
* __[31:5](rc://hi/tn/help/obs/31/05)__ फिर __पतरस__ ने यीशु से कहा ‘हे गुरु’ यदि तू है, तो मुझे भी अपने पास पानी पर चलकर आने की आज्ञा दे” यीशु ने __पतरस__ से कहा, “ आ |”
* __[36:1](rc://hi/tn/help/obs/36/01)__ एक दिन यीशु ने अपने तीन चेलों, __पतरस__, याकूब और यूहन्ना को अपने साथ लिया |
* __[38:9](rc://hi/tn/help/obs/38/09)__ __पतरस__ ने कहा, “यदि सब तुझे छोड़ दे तोभी, मैं नहीं छोडूँगा | यीशु ने __पतरस__ से कहा, “शैतान तुम सबकी परीक्षा लेना चाहता है, परन्तु मैंने तुम्हारे लिये प्रार्थना की है, __पतरस__, तेरा विश्वास कमज़ोर नहीं होगा | फिर भी आज की रात, मुर्ग़ के दो बार बाँग देने से पहले, तू तीन बार मेरा इनकार कर देगा|”
* __[38:15](rc://hi/tn/help/obs/38/15)__ जैसे ही सैनिकों ने यीशु को पकड़ लिया, __पतरस__ ने अपनी तलवार निकाल ली और महायाजक के एक दास पर चलाकर उसका कान काट दिया |
* __[43:11](rc://hi/tn/help/obs/43/11)__ __पतरस__ ने उनसे कहा, “मन फिराओ, और तुम में से हर एक यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले तो परमेश्वर तुम्हारे पापों को क्षमा करेगा।
* __[44:8](rc://hi/tn/help/obs/44/08)__ तब __पतरस__ ने उन्हें उत्तर दिया, “यीशु मसीह की सामर्थ्य से यह व्यक्ति तुम्हारे सामने भला चंगा खड़ा है।