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\v 5 हे दासो जु लोग इयो सोंसारियो पांदी तोआरै स्वामी ओसो, आपणै मन की सीधाई दै डोरौ, ओरो कांपियौ खै, जैशे मसीह की तैशेकैई तिणकी बै आज्ञा माणौ। \v 6 आदमी खै खुश कौरणोवालै कै दिखाणौ कायियै सेवा नै कोरो, पोरो मसीह कै दासो खै तैसी सायै मन सै पोरमेश्वर की इच्छा पांदी चालो। \v 7 ओरो तैसी सेवा खै आदमी कै नै पोरो प्रभु की जाणियो बा साच्चै दिल सै कोरो। \v 8 जितु तुंऐ जाणौ की जु कुणियै जैशे आच्छौ काम कौरलै, चाहै दास ओंऊ चाहै स्वोतंत्र ओसो, प्रभु सै तैशे पाआलै। |