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\v 11 किबेकि परमेश्वरे रा अनुग्रह प्रगट सा, ज़े सेभी माहणु री मुक्ति री बजा सा । \v 12 हौर आसा बे याद दिला सा, कि आसे अभक्ति होर संसारे री अभिलाषा न मन फेरिया ऐई युगा न संयमी होर धर्मा सेघै भक्ति री जिनदगी बिताले । \v 13 हौर तेस्सा धन्य अाशा री अर्थात आपणे महान परमेश्वरे होर उद्धारकर्ता यीशु मसिहा री महीमा रै प्रगट होणे रा इन्तजार केरदे रोहा सी ।