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\v 8 किबैकि तुसे जूण पहले निहयारे न ती, पर ऐबे प्रभु न ज्योति सी, होर ऐबे ज्योति री सन्ताना साही चला l \v 9 किबैकि ज्योति रा फौल सेभी तरहा री भलाई, होर धर्मिकता, होर सच्चाई सा ) l \v 10 होर ऐ पता लाई लेया, कि प्रभु बे कि शोभला लागा सा l \v 11 होर निहयारे रे नाशमान कौमा न हिस्सेदार मता बणदे, पर तिन्हा बै समझाऐ केरा l \v 12 किबैकि तिन्हा रे गुप्त कौमा री चर्चा केरना भी शर्मऐ री गल सा l