\v 3 किल्हैकि हाम्हैं बी थियै पैहलै निर्बुधी, आज्ञा नांईं मनणैआळै, और भ्रमा दी पळै दै, और रांगा-रांगे अभिलाषा और सुखबिलासे गुलामीं दी पळै दै और बैरभाव और डाह दी बताऊआ तै आपणीं ज़िंदगी, और हाम्हैं बी थियै घृणिंत, और एकी दुजै संघै बैर करनैआळै।