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\v 3 देगो पवित्र कुरुकू गा योग्य होय ,एगो आपेन नी व्यभिचार ,येठा तुनी का प्रकार गा खराबो कामय येठा लोभ गा चर्चा तयान बान होना ; \v 4 येठा बाकी शेरोम गा ,मूढता गा बातो चिटो गा ,बान मजाक गा ;चोयकी इनी बातो शोभा बान्जू ,वरण धन्यवाद का आजूमे |