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\v 4 पर जैहणै इन्दै उद्वरकर्ता प्रमात्मैं री कृपा अतै मणु पुर तसेरी प्रीति प्रकट भुई। \v 5 ता तिनी इन्दा उद्धार करू अतै एह धर्मा रै कमां री बजहा थऊं ना जेड़ै कि असै अप्पु करूरै थिऐ पर अपणी दया रै मताबक, नोऐ जन्मां रै नैईणां सितै अतै पवित्र आत्मां रै इन्दै नोआं बणाई दीणै री बजहा सितै भुआ। |