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\v 23 अतै अपणैं मनां रै आत्मिक स्वाभ मन्ज नोऐं बणदै गच्छा। \v 24 नोऐं स्भाव जो पाई लेय्आ, जैडा कि प्रमात्में रै मताबक सच्चाई री धार्मिकता हा अतै पवित्रता मन्ज रचुरा हा। \p
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