giriraj1722_myi_2co_text_udb/01/12.txt

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12 क्यूंकि म्हे अपणा विवेक की ई गवाही पर घमण्ड कराँ छाँ , कि जगत म और बिशेष कर थाँ क बीच , माखो चरित्र परमेसर क योग्य असी पबित्रता और सच्चाई सहित छो , जो शारीरिक ज्ञान सुँ कोनी पर परमेसर का अनुग्रह क साथ छो |
13 म्हे था न और काँई भी कोनी लिखां , केवल वा जो थे पढो छो या मानों भी छो , और मो न आशा छ कि अन्त तक भी मानता रहवोगा |
14 जँय्याँ थाँ म सुँ कतरा ही मान लिया छीं कि म्हे थाँ को घमण्ड को कारण छाँ , वँय्याँ ही थे भी परभु ईसु का दन म मा ख लियाँ घमण्ड को कारण ठहरोगा |