agapevision_bgc_obs_text_obs/01/15.txt

1 line
549 B
Plaintext

पणमेश्वर ने अपणे सरूप म्ह माणस अर लुगाई ताहि बणाया |अर पणमेश्वर ने देख्या के आच्छा सै| उसनैै उन्ताही आशिष दिया अर उनते कह्या "घणै छोरये अर पोतये जाम्मो अर धरती म्ह भर जाओ " या सारी रचना सृष्टि के छट्टे दिन म्ह होया|