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इस तहरेया पुरे जगत की रचना होई| पणमेशर नै छह दिन्या महै ज्यो जगत अर ज्यों कीमे सै रचा |पंणमेश्वर के धरती बनाने के पिच्छे धरती अंधेरे ते भरी अर सुन्नी पड़ी थी, अर उस्मै कीमे भी न्ही बनाया गया था | लेकिन पणमेश्वर का आत्मा पाणी के उपर था |