उस्नै एक वेदी बणायी , जदै बलिदान की खातेर इस्तेमाल करेया जा सकै अरै सारै ढाणै के जन्तुओ का बलिदान दैया | पणमेश्वर उसै बलिदान ते खुश होया अरै नूह अरै उसके परिवार को आशिष देई |