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फेर नूह ने कबूतर पक्षी को उड़ा देया | लेकण जदै कबुतर को
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अपणै परै टेकण के खातेर कोयै आधार ना मिलेया तो वयो जहाज म्है उसके धोरैै लोट आईया | जदै सात दिन के बाद उस्नै उसै पक्षी को फेर उड़ा देईया,, अरै जदै कबुतर साँझझ के समय उसके धोरे
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आ गयै , त्यों के देख्या की उसकी चोंच में जैतून का एक नया पत्तेया सै ! जद़ै नूह ने जाणै लैया कि जल धरती पै घटया से| |