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चाणचक, उनकी आँखें खुल गी , अर उनको बरेया पाटया की वो नंगै सै | अर उनताही अपणै देह ढकण खातेर पत्ते को जोड़ जोड़ कै उनताही लत्ते बनावण की जतन करेया |