agapevision_bgc_obs_text_obs/02/04.txt

2 lines
480 B
Plaintext

साँप नै लुगाई को जाबब दिया, " यों साँच ना सैै ! थम ना मरोगे |
पणमेश्वर यो जाणयै सै की थम उस्सै फल को खाओगे, थम पणमेश्वर के जिस्से हो जाओगे अर जुकर आच्छे और बुरे नै वो समझे सै थमै भी समझण लगोगे |