फेर माणस अर उसकी लुगाई ने बगीचा म्ह पणमेश्वर के चालण की आवाज सुणी | वो दोनु पणमेश्वर ते लुक् गे | फेर पणमेश्वर ने माणस ते बोलया ," थम कडै सो ?" आदम ने उतर दिया मन्ये थारी बगीचे म्ह चालते सुणया अर मे डर गया था क्युके में उघाडा था |ज्याते में लुहुक ग्या|