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आदम अर उसकी लुगाई पणमेश्वर जरिये उन खातेर बणाये गए सुथरे बगीचे म्ह बहोत घणये खुश थे उन दोनुवा न लते नहीं पहरे थे लेकिन दुनिया म्ह कोए पाप नहीं था ज्याते उनताहि शर्म नहीं महसूस होया करेथी | वे ज्यादातर बगीचे म्ह चाल्या करदे अर पणमेश्वर उनके गेल्या बात करा करै था |
आदम अर उसकी लुगाई पणमेश्वर जरिये उन खातेर बणाये गए सुथरे बगीचे म्ह बहोत घणये खुश थे उन दोनुवा न लते नहीं पहरे थे लेकिन दुनिया म्ह कोए पाप नहीं था ज्याते उनताहि शर्म नहीं महसूस होया करेथी | वे ज्यादातर बगीचे म्ह चाल्या करदे अर पणमेश्वर उनके गेल्या बात करा करै था |

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लेकिन बगीचे म्ह एक चालाक सांप था | उस्नै लुगाई तैै बुझया के पणमेशवर ने साची कहया सै के बगीचे किस्से पैड॰ का फण ना खाणा?"
लेकिन बगीचे म्ह एक चालाक सांप था | उस्नै लुगाई तैै बुझया के पणमेशवर ने साची कहया सै के बगीचे किस्से पैड॰ का फण ना खाणा?"

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लुगाई ने उतर दिया, " पणमेश्वर ने महारताहि कहया सै की आच्छे अर बुरे के ज्ञान के पेड़ फळ के बजाये हम किस्से भी पेड़ के फळ को खा सक्या सै पणमेश्वर ने कहया थम उस फ़ळ खाओ या जडै तक्कै हाथ भी लगाओ तो मर जाओगे "
लुगाई ने उतर दिया, " पणमेश्वर ने महारताहि कहया सै की आच्छे अर बुरे के ज्ञान के पेड़ फळ के बजाये हम किस्से भी पेड़ के फळ को खा सक्या सै पणमेश्वर ने कहया थम उस फ़ळ खाओ या जडै तक्कै हाथ भी लगाओ तो मर जाओगे "

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साप