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पणमेश्वर की इसैै आज्ञा के मुताबिक नूह ने करेया| नूह अरै उसके तीन छोरा ने नाव की रचना जुकर ही की जिस्तरया पणमेश्वर ने उनतै कहया थ्या| उसै नाव को बनाणै के खातेर घणयै साल लागै गये , क्युंकी व्यों नाव घणीयेे बड्डी थी| नुह ने माणस को बाडै के बारै म्है चेतावनी दई, अरै कहया कि पणमेश्वर की और मन फिरणा परै उंताही नूह पे विश्वास ना करेया |
पणमेश्वर की इसैै आज्ञा के मुताबिक नूह ने करेया| नूह अरै उसके तीन छोरा ने नाव की रचना जुकर ही की जिस्तरया पणमेश्वर ने उनतै कहया थ्या| उसै नाव को बनाणै के खातेर घणयै साल लागै गये , क्युंकी व्यों नाव घणीयेे बड्डी थी| नुह ने माणस को बाडै के बारै म्है चेतावनी दई, अरै कहया कि पणमेश्वर की और मन फिरणा परै उंताही नूह पे विश्वास ना करेया |

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@ -1,2 +1 @@
नूह अरै उसके घरआणा ने जानवरों की खातेर पर्याप्त खाणा इक्ट्ठा करेया | जदै सरेया किम्मै तायेर था , जदै पणमेश्वर ने नूह ते कहया कि इबै समय सै कि वयो अपणी घरआणी , तीनं छोरे,अरैै बहुया गलेया नाव म्है जायै | वे सबै आठ माणस थएै |
नूह अरै उसके घरआणा ने जानवरों की खातेर पर्याप्त खाणा इक्ट्ठा करेया | जदै सरेया किम्मै तायेर था , जदै पणमेश्वर ने नूह ते कहया कि इबै समय सै कि वयो अपणी घरआणी , तीनं छोरे,अरैै बहुया गलेया नाव म्है जायै | वे सबै आठ माणस थएै |

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पणमेश्वर ने धरती पै रेंगण आणेे पशु अरै पक्षियों के सारै नर अरै मादा को नूह के धोरै जहाज म्है भेजेया जदै की वयो बाडै के बाद सुरक्षित रहै सकै | पणमेश्वर ने सारै ढाणै के पशुओं के सात नर अरै सात मादा को भेजेया जिनका प्रयोग बलिदान के खातेर करेया ज्या सकैै | जदै वयो सबै जहाज पे चढ़ जावै जदै पणमेश्वर ने जहाज का किवाड बंद करै देया |
पणमेश्वर ने धरती पै रेंगण आणेे पशु अरै पक्षियों के सारै नर अरै मादा को नूह के धोरै जहाज म्है भेजेया जदै की वयो बाडै के बाद सुरक्षित रहै सकै | पणमेश्वर ने सारै ढाणै के पशुओं के सात नर अरै सात मादा को भेजेया जिनका प्रयोग बलिदान के खातेर करेया ज्या सकैै | जदै वयो सबै जहाज पे चढ़ जावै जदै पणमेश्वर ने जहाज का किवाड बंद करै देया |

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@ -1,2 +1 @@
फेर जल प्रलय का सहरु होवै | जल प्रलय धरती पै बिना रुके चालीस दिन अरै चालीस रात तकै होंदा रह्या | धरती पे प्रलय होंदा रहया , अरै पाणी घणया बढता ही गैया | जल धरती पै घणायैै बड गैया , अरै अडै तकै कि सारी धरती पै जितनै बडे बडे पहाड़ थयै, सारै डूब गयै |
फेर जल प्रलय का सहरु होवै | जल प्रलय धरती पै बिना रुके चालीस दिन अरै चालीस रात तकै होंदा रह्या | धरती पे प्रलय होंदा रहया , अरै पाणी घणया बढता ही गैया | जल धरती पै घणायैै बड गैया , अरै अडै तकै कि सारी धरती पै जितनै बडे बडे पहाड़ थयै, सारै डूब गयै |

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अरै क्या पक्षी अरै क्या घरेलू पशु, अरै पृथ्वी पै सारै चालाण आणै
प्राणी, अरै जितणै जंतु धरती पै बहुतायत पे भरै गयै थे, वयो सबै
अरै क्या पक्षी अरै क्या घरेलू पशु, अरै पृथ्वी पै सारै चालाण आणै
प्राणी, अरै जितणै जंतु धरती पै बहुतायत पे भरै गयै थे, वयो सबै
अरै सबै माणस मर गयै , जाै जहाज म्है थै केवल वयो जीवत थै | जहाज जल पै चालण लगेया अरै वयो सबै ज्यों जहाज म्है था वयो डूबणै ते सुरक्षित रहैया |

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@ -1 +1 @@
वर्षा थमंणै कब बादै , जहाज जल पै पांच महीने तकै तेरदा रहा , एक दिन जहाज पहाड़ पै टिक गया , फेर जदै भी संसार जल ते भरा था | तीन महीने के बाद पहाड़ो की चोटिया देखणै लागै |
वर्षा थमंणै कब बादै , जहाज जल पै पांच महीने तकै तेरदा रहा , एक दिन जहाज पहाड़ पै टिक गया , फेर जदै भी संसार जल ते भरा था | तीन महीने के बाद पहाड़ो की चोटिया देखणै लागै |

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@ -1 +1 @@
चालीस दिन के बाद नूह ने अपणै बणायै होयै जहाज की खिड़की को खोलै, एक कौआ पक्षी उड़ा दैया यों देखणै के खातेर की घणयै धरती पै सूख गैया या ना | कौआ शुष्क भूमि की तलाश म्है इधर-उधर उड़ा, जदै सूखी भूमि को ना पाया |
चालीस दिन के बाद नूह ने अपणै बणायै होयै जहाज की खिड़की को खोलै, एक कौआ पक्षी उड़ा दैया यों देखणै के खातेर की घणयै धरती पै सूख गैया या ना | कौआ शुष्क भूमि की तलाश म्है इधर-उधर उड़ा, जदै सूखी भूमि को ना पाया |

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@ -1,2 +1,2 @@
फेर नूह ने कबूतर पक्षी को उड़ा देया | लेकण जदै कबुतर को
अपणै परै टेकण के खातेर कोयै आधार ना मिलेया तो वयो जहाज म्है उसके धोरैै लोट आईया | जदै सात दिन के बाद उस्नै उसै पक्षी को फेर उड़ा देईया,, अरै जदै कबुतर
फेर नूह ने कबूतर पक्षी को उड़ा देया | लेकण जदै कबुतर को
अपणै परै टेकण के खातेर कोयै आधार ना मिलेया तो वयो जहाज म्है उसके धोरैै लोट आईया | जदै सात दिन के बाद उस्नै उसै पक्षी को फेर उड़ा देईया,, अरै जदै कबुतर s