फेर पणमेश्वर ने किम्मे माट्टी ली,अर उसते एक माणस बणाया, अर उसमे जीवण की सांस फूँक दी इस माणस का नां आदम था पणमेश्वर ने आदम के रहण खातर एक बगीचा बणाया| अर बगीचा की रुखाळी करण खातर उड़े राख्या |