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1:1 s3pe बीते समय में परमेश्वर ने कैसे बातें की थीं? बीते समय में परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से बहुत बार और बहुत से तरीकों से बातें की थीं।
1:2 wmho इन दिनों में परमेश्वर ने कैसे बातें की हैं? इन दिनों में परमेश्वर ने पुत्र के माध्यम से बातें की हैं।
1:2 qsni युगों-युगों की रचना किसके माध्यम से की गई थी? युगों-युगों की रचना परमेश्वर के पुत्र के माध्यम से की गई थी।
1:3 suav सब वस्तुएँ कैसे कायम रहती हैं? सब वस्तुएँ परमेश्वर की सामर्थ्य वाले पुत्र के वचन से कायम रहती हैं।
1:3 t73s परमेश्वर के तेज और मूलतत्व को पुत्र कैसे प्रदर्शित करता है? परमेश्वर के तेज की चमक और परमेश्वर के मूलतत्व की प्रदर्शन पुत्र में ही होता है।
1:4 q7xp स्वर्गदूतों की तुलना में परमेश्वर का पुत्र कैसा है? परमेश्वर का पुत्र स्वर्गदूतों की तुलना में कहीं श्रेष्ठ है।
1:6 djak जब पुत्र को इस संसार में लाया गया था उस समय परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को क्या करने की आज्ञा दी थी? जब पुत्र को इस संसार में लाया गया था उस समय परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को पुत्र को दंडवत् करने की आज्ञा दी थी।
1:8 tqxo राजा के रूप में पुत्र कब तक शासन करेगा? राजा के रूप में पुत्र सदा-सर्वदा शासन करेगा।
1:9 v22q पुत्र किससे प्रेम रखता है और किससे बैर रखता है? पुत्र को धार्मिकता से प्रेम है और अधर्म से बैर है।
1:10-11 y2vl समय बीतने पर पृथ्वी और स्वर्ग के साथ क्या घटित होगा? पृथ्वी और स्वर्ग किसी वस्त्र के समान पुराने होकर नष्ट हो जाएँगे।
1:13 ex08 परमेश्वर ने पुत्र को कहाँ बैठने के लिये, और क्या घटित होने की प्रतीक्षा करने को कहा? परमेश्वर ने पुत्र को अपने दाहिनी ओर उस समय तक बैठने के लिये कहा जब तक कि परमेश्वर पुत्र के शत्रुओं को उसके पाँवों की चौकी न बना दे।
1:14 jctl स्वर्गदूत किसकी सेवाटहल करते हैं? स्वर्गदूत उन लोगों की सेवाटहल करते हैं जो उद्धार पाने वाले हैं।
2:1 e8t6 विश्वास करने वालों को उन बातों पर ध्यान क्यों देना चाहिए जो उन्होंने सुनी हैं? विश्वास करने वालों को उन बातों पर ध्यान देना चाहिए जो उन्होंने सुनी हैं ताकि वे उनसे दूर न चले जाएँ।
2:2 wje0 हर एक अपराध और अनाज्ञाकारिता को क्या मिलेगा? हर एक अपराध और अनाज्ञाकारिता को न्यायपूर्वक दंड मिलेगा।
2:4 oiz6 प्रभु के द्वारा बताए गए उद्धार के संदेश की गवाही परमेश्वर ने कैसे दी थी? परमेश्वर ने उस संदेश की गवाही चिन्हों, अद्भुत कामों, भिन्न-भिन्न आश्चर्यकर्मों के द्वारा, और पवित्र आत्मा के वरदान के द्वारा दी थी।
2:5 fdef आने वाले जगत पर कौन शासन नहीं करेगा? आने वाले जगत पर स्वर्गदूत शासन नहीं करेंगे।
2:7-8 okqg आने वाले जगत पर कौन शासन करेगा? आने वाले जगत पर मनुष्य शासन करेगा।
2:9 j0o4 यीशु को महिमा और आदर का मुकुट क्यों पहनाया गया था? यीशु को उसके दुःख उठाने और मृत्यु के कारण महिमा और आदर का मुकुट पहनाया गया था।
2:9 ahfm यीशु ने किसके लिये मृत्यु का स्वाद चखा था? यीशु ने सब मनुष्यों के लिये मृत्यु का स्वाद चखा था।
2:10 yjfz परमेश्वर ने किसे महिमा में लाने की योजना बनाई थी? परमेश्वर ने बहुत से पुत्रों को महिमा में लाने की योजना बनाई थी।
2:11 ov8n वे दोनों कौन हैं जो एकलौते स्रोत, अर्थात् परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं? पवित्र करने वाला और पवित्र किए जाने वाले दोनों ही एकलौते स्रोत, अर्थात् परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं।
2:14 h4w8 यीशु की मृत्यु के माध्यम से किसे प्रभावहीन किया गया था? यीशु की मृत्यु के माध्यम से शैतान को प्रभावहीन किया गया था।
2:15 dyfk यीशु की मृत्यु के माध्यम से लोगों को किस दासत्व से छुड़ाया गया है? यीशु की मृत्यु के माध्यम से लोगों को मृत्यु के भय से छुड़ाया गया है।
2:17 bokd यीशु के लिये यह आवश्यक क्यों था कि सब बातों में अपने भाइयों के समान हो जाए? यह इसलिये आवश्यक था ताकि वह परमेश्वर की बातों पर एक दयालु और विश्वासयोग्य महायाजक बन सके, और इसलिये वह लोगों के पापों के लिए क्षमा को प्राप्त कर सके।
2:18 w3tq जो लोग परीक्षा में पड़े हैं उनकी सहायता करने में यीशु सक्षम क्यों है? जो लोग परीक्षा में पड़े हैं उनकी सहायता करने में यीशु सक्षम इसलिये है क्योंकि उसकी भी परीक्षा हुई थी।
3:1 lqsl इब्रानियों की पुस्तक का लेखक यीशु के द्वारा किन दो भूमिकाओं को पूरा करने के विषय में कहता है? लेखक कहता है कि यीशु प्रेरित और महायाजक है।
3:2-3 aa7p मूसा की तुलना में यीशु को अधिक महिमा के योग्य क्यों माना गया है? मूसा की तुलना में यीशु को अधिक महिमा के योग्य इसलिये माना गया है क्योंकि जब मूसा परमेश्वर के सारे घराने में विश्वासयोग्य था, तो जिसने उस घर को बनाया वह यीशु ही था।
3:5 rn1u परमेश्वर के घर में मूसा की क्या भूमिका थी? परमेश्वर के घर में मूसा एक सेवक था।
3:5 lcnt मूसा ने किस विषय में गवाही दी थी? मूसा ने भविष्य में बोली जाने वाली बातों के विषय में गवाही दी थी।
3:6 ie63 परमेश्वर के घर में यीशु की क्या भूमिका है? परमेश्वर के घर में यीशु की पुत्र के समान अधिकारी की भूमिका है।
3:6 vf5k परमेश्वर का घर कौन है? विश्वास करने वाले लोग ही परमेश्वर का घर हैं यदि वे अपने भरोसे को थामे रहें।
3:7-8 yvzc जब इस्राएली लोगों ने परमेश्वर की वाणी सुनी तो उन्होंने क्या किया था? इस्राएली लोगों ने अपने मनों को कठोर कर लिया था।
3:10-11 qarg इस्राएली लोगों के विषय में परमेश्वर ने क्या शपथ खाई थी जो अपने मनों में भटक गए थे? परमेश्वर ने शपथ खाई कि वे लोग उसके विश्राम में प्रवेश नहीं कर पाएँगे।
3:12 yti8 भाइयों को किस विषय में सचेत रहने की चेतावनी ही गई थी? भाइयों को अविश्वास के द्वारा जीवित परमेश्वर से दूर न हो जाने के विषय में सचेत रहने की चेतावनी ही गई थी।
3:13 lkhh भाइयों को क्या करना था ताकि वे पाप की धोखाधड़ी से कठोर हो जाने से बच सकें? भाइयों को एक-दूसरे को प्रतिदिन उत्साहित करना था।
3:14 ynpz मसीह के भागीदार के रूप में, विश्वासी लोगों को क्या करना चाहिए? मसीह के भागीदार के रूप में, विश्वासी लोगों को आरम्भ से लेकर अंत तक यीशु में अपने भरोसे को थामे रखना है।
3:17 tkxa परमेश्वर किससे 40 वर्षों तक क्रोधित रहा? जिन लोगों ने जंगल में पाप किया था उनसे परमेश्वर क्रोधित रहा।
3:17 sily जिन लोगों से परमेश्वर क्रोधित था उनका क्या हुआ? उनके मृत शरीर जंगल में पड़े रहे।
3:19 lesq अनाज्ञाकारी इस्राएली लोग परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने में सक्षम क्यों नहीं हुए? अविश्वास के कारण, वे लोग परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने में सक्षम नहीं हुए।
4:2 d4kt विश्वास करने वालों ने और इस्राएली लोगों ने कौन से शुभ संदेश को सुना था? विश्वास करने वालों ने और इस्राएली लोगों ने परमेश्वर के विश्राम के विषय में शुभ संदेश को सुना था।
4:2 kamc इस्राएली लोगों को उस शुभ संदेश से लाभ क्यों नहीं हुआ? इस्राएली लोगों को उस शुभ संदेश से लाभ इसलिये नहीं हुआ क्योंकि वे उसे मानने वालों के साथ विश्वास में जुड़े नहीं थे।
4:3 hc9o वे लोग कौन हैं जो परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करते हैं? जिन्होंने विश्वास किया वे लोग ही परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करते हैं
4:3-4 sx3t परमेश्वर ने अपने सृष्टि करने के कामों के पूरा करके कब विश्राम किया था? परमेश्वर ने जगत के आरम्भ में अपने सृष्टि करने के कामों के पूरा करके सातवें दिन विश्राम किया था।
4:5-6 oqf6 परमेश्वर ने इस्राएली लोगों के और अपने विश्राम के विषय में क्या कहा? परमेश्वर ने कहा कि इस्राएली लोग उसके विश्राम में प्रवेश नहीं करेंगे।
4:7 n0ki अब परमेश्वर ने लोगों के लिये अपने विश्राम में प्रवेश करने के लिये कौन सा दिन निर्धारित किया है? परमेश्वर ने लोगों के लिये अपने विश्राम में प्रवेश करने के रूप में “आज का दिन” को निर्धारित किया है।
4:7 txiv परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने के निमित्त किसी व्यक्ति को क्या करना होगा? किसी व्यक्ति को परमेश्वर की वाणी सुनकर अपने मन को कठोर नहीं करना है।
4:9 a832 परमेश्वर के लोगों के लिये अभी भी क्या बाकी है? परमेश्वर के लोगों के लिये अभी भी सब्त का विश्राम बाकी है।
4:10 roo0 परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने वाला व्यक्ति और किस बात से विश्राम लेता है? परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने वाला व्यक्ति अपने कामों से भी विश्राम लेता है।
4:11 uub1 विश्वास करने वालों को परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने के निमित्त आतुर क्यों होना चाहिए? विश्वास करने वालों को परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने के निमित्त आतुर इसलिये होना चाहिए ताकि वे इस्राएलियों के समान अनाज्ञाकारिता में न गिरें।
4:12 cd4v परमेश्वर का वचन किससे अधिक तेज है? परमेश्वर का वचन किसी दोधारी तलवार से भी अधिक तेज है।
4:12 y6uw परमेश्वर का वचन किसे अलग-अलग करने में सक्षम है? परमेश्वर का वचन प्राण को आत्मा से और गाँठ-गाँठ को गूदे-गूदे से अलग-अलग करने में सक्षम है।
4:12 e6qy परमेश्वर का वचन किसे परखने में सक्षम है? परमेश्वर का वचन हृदय के विचारों और मंशाओं को परखने में सक्षम है।
4:13 opug कौन और क्या परमेश्वर की दृष्टि से छिपा हुआ है? रची गई कोई भी वस्तु परमेश्वर की दृष्टि से छिपी नहीं है।
4:14 mb8g विश्वास करने वालों के लिये महायाजक के रूप में कौन सेवा करता है? परमेश्वर का पुत्र यीशु, विश्वास करने वालों के लिये महायाजक के रूप में सेवा करता है।
4:15 l5cm यीशु विश्वासियों की निर्बलताओं के प्रति सहानुभूति क्यों महसूस करता है? यीशु विश्वासियों की निर्बलताओं के प्रति सहानुभूति इसलिये महसूस करता है क्योंकि उसे भी सब बातों में परखा गया था।
4:15 z66r यीशु ने कितनी बार पाप किया था? यीशु ने कभी पाप नहीं किया। यीशु निष्पाप था।
4:16 poo3 आवश्यकता के समय में, दया और अनुग्रह पाने के लिये विश्वासी लोगों को क्या करना होगा? आवश्यकता के समय में, विश्वासी लोगों को हियाव बाँधकर अनुग्रह के सिंहासन के पास जाना होगा।
5:1 f9kg लोगों की ओर से प्रत्येक महायाजक क्या करता है? लोगों के लिये, प्रत्येक महायाजक पापों के लिये भेंटें और बलिदान चढ़ाता है।
5:3 qzso लोगों के अतिरिक्त, महायाजक और किस के लिये बलिदान चढ़ाता है? महायाजक अपने पापों के लिये भी बलिदान चढ़ाता है।
5:4 cfxd कोई मनुष्य परमेश्वर का महायाजक बनने का सम्मान कैसे प्राप्त करता है? किसी मनुष्य को परमेश्वर का महायाजक बनने के लिये परमेश्वर के द्वारा बुलाया जाना आवश्यक है।
5:5 cty9 यीशु को महायाजक किसने ठहराया? परमेश्वर ने ही यीशु को महायाजक ठहराया था।
5:6 dxsz मसीह परमेश्वर का महायाजक कब तक रहेगा? मसीह सदा के लिये परमेश्वर का महायाजक है।
5:6 fllb मसीह किस रीति से महायाजक है? मलिकिसिदक की रीति से मसीह महायाजक है।
5:7 b3bt जब मसीह ने प्रार्थना की तो उसे परमेश्वर की ओर से क्यों सुना गया? मसीह के भक्तिपूर्ण जीवन के कारण उसे परमेश्वर की ओर से सुना गया था।
5:8 ly69 मसीह ने आज्ञाकारिता कैसे सीखी? जिन बातों में मसीह ने दुःख उठाया, उसने उनसे आज्ञाकारिता सीखी।
5:9 ewdj मसीह किसके लिये अनन्त उद्धार का कारण बन गया? जितने लोग उसकी आज्ञा मानते थे, उन सब के लिये मसीह अनन्त उद्धार का कारण बन गया।
5:11 meb6 इस पत्री के मूल पाठकों की आत्मिक स्थिति कैसे थी? इसके मूल पाठक सुनने में मंद थे।
5:14 yjmd इस पत्री का लेखक क्या कहता है कि विश्वासी लोगों को आत्मिक बच्चों से उन्नति करके सयाना कैसे बनना है? विश्वासी लोगों को गलत बातों में से सही बातों को पहचान कर, भले-बुरे दोनों के बीच अंतर करने का अभ्यास करने के द्वारा आत्मिक रूप से उन्नति करनी है।
6:1 wxuj इब्रानियों की पत्री का लेखक विश्वासी लोगों से किसकी ओर आगे बढ़ने की इच्छा करता है? इब्रानियों की पत्री का लेखक विश्वासी लोगों से परिपक्वता की ओर आगे बढ़ने की इच्छा करता है।
6:1-2 t338 मसीह के संदेश की बुनियाद के रूप में लेखक किन शिक्षाओं को सूचीबद्ध करता है? इसकी बुनियादी शिक्षाएँ मरे हुए कामों से मन फिराना, परमेश्वर पर विश्वास करना, बपतिस्मा, हाथ रखना, मृतकों का पुनरुत्थान और अनन्त न्याय हैं।
6:4-5 uei1 इन ज्योति पाए हुए लोगों को क्या लाभ मिला है? इन ज्योति पाए हुए लोगों ने स्वर्गीय वरदान का स्वाद चखा है, एवं पवित्र आत्मा के भागीदार बन गए हैं, और परमेश्वर के वचन का तथा आने वाले युग की सामर्थ्य का स्वाद चखा है।
6:4-6 fv1b जिन लोगों ने मसीह में बहुत कुछ प्राप्त किया परन्तु फिर भटक गए, उनके लिये क्या करना असम्भव है? जिन लोगों ने मसीह में बहुत कुछ प्राप्त किया परन्तु फिर भटक गए, उनके लिये फिर से मन फिराव की ओर लौटना असम्भव है।
6:6 f7cx ये लोग मन फिराव की ओर लौट आने में सक्षम क्यों नहीं हैं? ये लोग लौट आने में सक्षम इसलिये नहीं हैं क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के उसी पुत्र को अपने लिये क्रूस पर चढ़ा दिया है और उसे लोगों में लज्जित किया है।
6:7-8 vbwv लेखक की उपमा में, उस भूमि का क्या हुआ जिसने वर्षा पड़ने पर भी झाड़ियाँ और ऊँटकटारे उत्पन्न किए? जिस भूमि ने वर्षा पड़ने पर भी झाड़ियाँ और ऊँटकटारे उत्पन्न किए उसका अन्त जलाया जाना है।
6:9 kb20 उन विश्वासी लोगों के विषय में लेखक की क्या अपेक्षा है जिन्हें वह पत्री लिख रहा है? इन विश्वासी लोगों के विषय में लेखक उत्तम बातों की अपेक्षा करता है, अर्थात् ऐसी बातें जो उद्धार से जुड़ी हुई हैं।
6:10 sl6h इन विश्वासी लोगों के विषय में परमेश्वर कौन सी बात नहीं भूलेगा? परमेश्वर उनके काम, परमेश्वर के प्रेम, और पवित्र लोगों की सेवा को नहीं भूलेगा।
6:12 itts जिन लोगों ने परमेश्वर की प्रतिज्ञाएँ प्राप्त की हैं उनके विषय में विश्वासी लोगों को किस बात का अनुकरण करना चाहिए? जिन लोगों ने परमेश्वर की प्रतिज्ञाएँ प्राप्त की हैं उनके विश्वास और धीरज का विश्वासी लोगों को अनुकरण करना चाहिए।
6:13-15 xe2b परमेश्वर ने अब्राहम से जो प्रतिज्ञा की थी वह प्राप्त करने के लिये उसे क्या करना पड़ा? परमेश्वर ने अब्राहम से जो प्रतिज्ञा की थी वह प्राप्त करने के लिये उसे धीरज धरकर प्रतीक्षा करनी पड़ी थी।
6:17 bg60 परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा का आश्वासन शपथ खाकर क्यों दिया? परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा का आश्वासन अपने उद्देश्य की अपरिवर्तनीय गुणवत्ता को और अधिक स्पष्ट रूप से प्रकट करने के लिये शपथ खाकर दिया।
6:18 drj0 परमेश्वर के लिये क्या करना असम्भव है? परमेश्वर के लिये झूठ बोलना असम्भव है।
6:19 y6sq परमेश्वर पर विश्वासी जन की आशा उसकी आत्मा के लिये क्या करती है? परमेश्वर पर विश्वासी जन की आशा उसकी आत्मा के लिये एक सुरक्षित और विश्वसनीय लंगर है।
6:19-20 q05h विश्वासी लोगों के लिये यीशु ने अग्रदूत के रूप में कहाँ प्रवेश किया है? विश्वासी लोगों के लिये यीशु ने अग्रदूत के रूप में परदे के पीछे भीतरी भाग में प्रवेश किया है।
7:1 tml2 मलिकिसिदक के पास कौन सी दो उपाधियाँ थीं? मलिकिसिदक शालेम का राजा और परमप्रधान परमेश्वर का याजक था।
7:2 f0in अब्राहम ने मलिकिसिदक को क्या दिया? अब्राहम ने मलिकिसिदक को उन सब वस्तुओं का दसवाँ अंश दिया जो उसने लूटी थीं।
7:2 hmv9 मलिकिसिदक नाम का क्या अर्थ होता है? मलिकिसिदक नाम का अर्थ “धार्मिकता का राजा” और “शान्ति का राजा” होता है।
7:3 sc74 मलिकिसिदक के पूर्वज कौन थे, और उसकी मृत्यु कब हुई? मलिकिसिदक बिना पूर्वजों के था और उसके जीवन को कोई अन्त नहीं है।
7:5 aeg4 व्यवस्था के अनुसार जो लोग याजक बनते हैं वे याजक किसके उत्पन्न हुए हैं और लोगों से दसवाँ अंश कौन लेता है? व्यवस्था के याजक लेवी से उत्पन्न हुए हैं, और उससे पहले, अब्राहम से उत्पन्न हुए हैं।
7:7 s2i6 अब्राहम और मलिकिसिदक में से कौन अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति था? मलिकिसिदक अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति इसलिये था क्योंकि उसने अब्राहम को आशीष दी थी।
7:9-10 l3cd किस रीति से स्वयं लेवी ने भी मलिकिसिदक को दसवाँ अंश दिया था? लेवी ने भी मलिकिसिदक को दसवाँ अंश दिया था, क्योंकि लेवी अब्राहम का वंशज था, और अब्राहम ने मलिकिसिदक को दसवाँ अंश दिया था।
7:12 ahni जब याजक का पद बदला जाता है तो और कौन सी बात को भी बदला जाना चाहिए? जब याजक का पद बदला जाता है तो व्यवस्था को भी बदला जाना चाहिए।
7:14 wa4j यीशु किस गोत्र से उत्पन्न हुआ था, और क्या उस गोत्र ने याजकों के रूप में वेदी पर पहले सेवा की थी? यीशु यहूदा के गोत्र से उत्पन्न हुआ था, जिसने याजकों के रूप में वेदी पर पहले कभी सेवा नहीं की थी।
7:16 ext0 मलिकिसिदक की रीति पर यीशु किस आधार पर याजक बना? मलिकिसिदक की रीति पर यीशु अविनाशी जीवन की सामर्थ्य के आधार पर याजक बना।
7:18-19 mxk9 किस वस्तु को निर्बल और निष्फल होने के कारण अलग कर दिया गया है? पहली आज्ञा, अर्थात् व्यवस्था को निर्बल और निष्फल होने के कारण अलग कर दिया गया है।
7:21 k1vr यीशु के विषय में परमेश्वर ने कौन सी शपथ खाई? परमेश्वर ने शपथ खाई कि यीशु सदा के लिये याजक बनेगा।
7:22 gr7u यीशु किस बात का आश्वासन है? यीशु एक बेहतर वाचा का आश्वासन है।
7:25 iilz जो लोग यीशु के माध्यम से परमेश्वर के निकट जाते हैं उनका पूरा-पूरा उद्धार करने में यीशु सक्षम क्यों है? जो लोग यीशु के माध्यम से परमेश्वर के निकट जाते हैं उनका पूरा-पूरा उद्धार करने में यीशु सक्षम इसलिये है क्योंकि वह उनके लिये विनती करने को सर्वदा जीवित है।
7:26 rjgo यीशु में पाई जाने वाली वे चार विशेषताएँ कौन-कौन सी हैं जो उसे विश्वासी लोगों के लिये उपयुक्त याजक ठहराती हैं? यीशु पवित्र, निर्दोष, शुद्ध, और पापियों से अलग है।
7:26 rpt9 यीशु को अपने स्वयं के पापों के निमित्त कौन सा बलिदान चढ़ाने की आवश्यकता थी? यीशु को अपने स्वयं के पापों के निमित्त कोई बलिदान चढ़ाने की आवश्यकता इसलिये नहीं थी क्योंकि वह पापरहित है।
7:27 gyg3 लोगोंं के पापों के लिये यीशु ने कौन सा बलिदान चढ़ाया था? यीशु ने लोगों के पापों के लिये एक ही बार स्वयं को बलिदान चढ़ाया था।
7:28 p88f जिन याजकों को व्यवस्था के अनुसार नियुक्त किया गया था यीशु उनसे कैसे अलग है? जिन याजकों को व्यवस्था के अनुसार नियुक्त किया गया था वे निर्बल थे, परन्तु यीशु को सर्वदा के लिये सिद्ध किया गया है।
8:1 wroo विश्वासी लोगों का महायाजक कहाँ बैठा हुआ है? विश्वासी लोगों का महायाजक स्वर्ग पर महामहिमन् के सिंहासन की दाहिनी ओर बैठा हुआ है
8:2 b361 सच्चा तम्बू कहाँ है? सच्चा तम्बू स्वर्ग में है।
8:3 agm5 प्रत्येक याजक के पास क्या होना चाहिए? प्रत्येक याजक के पास चढ़ाने के लिये कुछ न कुछ होना चाहिए।
8:4 zy6f व्यवस्था के अनुसार भेंटें चढ़ाने वाले याजक कहाँ पर थे? व्यवस्था के अनुसार भेंटें चढ़ाने वाले याजक पृथ्वी पर मौजूद थे।
8:5 zfkn पृथ्वी पर मौजूद याजक किसकी सेवा करते थे? पृथ्वी पर मौजूद याजक एक प्रतिरूप की और स्वर्गीय वस्तुओं के प्रतिबिम्ब की सेवा करते थे।
8:5 umx6 पार्थिव तम्बू को किस प्रारूप के अनुसार बनाया गया था? पार्थिव तम्बू को परमेश्वर के द्वारा मूसा को पहाड़ पर दिखाए गए प्रारूप के अनुसार बनाया गया था।
8:6 exip मसीह के पास सर्वोच्च याजकपद की सेवकाई क्यों है? मसीह के पास सर्वोच्च याजकपद की सेवकाई इसलिये है क्योंकि वह उस उत्तम वाचा का मध्यस्थ है जो उत्तम प्रतिज्ञाओं के सहारे बाँधा गया था।
8:8 csg9 जब परमेश्वर ने पहली वाचा के अधीन लोगों में दोष पाया तो उसने क्या प्रतिज्ञा की? परमेश्वर ने इस्राएल के घराने और यहूदा के घराने के साथ एक नयी वाचा बाँधने की प्रतिज्ञा की।
8:10 faun परमेश्वर ने नयी वाचा में क्या करने के लिये कहा? परमेश्वर ने कहा कि वह अपनी व्यवस्था को लोगों के मनों में डालेगा, और उसे उनके हृदयों पर लिखेगा।
8:11 yl4f नयी वाचा में प्रभु को कौन जानेगा? नयी वाचा में छोटे से लेकर बड़े तक, सब लोग प्रभु को जानेंगे।
8:12 w57s परमेश्वर ने नयी वाचा में लोगों के पापों के साथ क्या करने के लिये कहा? परमेश्वर ने कहा कि वह लोगों के पापों को आगे स्मरण नहीं रखेगा।
8:13 yho0 नयी वाचा की घोषणा में, परमेश्वर ने पहली वाचा का क्या किया? नयी वाचा की घोषणा में, परमेश्वर ने पहली वाचा को पुराना ठहराया, जो जीर्ण हो रहा है और मिटने पर है।
9:1-2 ktg8 पहली वाचा में आराधना करने का स्थान कौन सा था? पहली वाचा में आराधना करने का स्थान पार्थिव पवित्र स्थान था जिसे “तम्बू” कहा जाता था।
9:2 k340 पार्थिव तम्बू के पवित्र स्थान में क्या-क्या रखा गया था? पार्थिव तम्बू के पवित्र स्थान में दीवट, मेज, और चढ़ावे की रोटी रखी गई थी।
9:3-4 ho08 पार्थिव तम्बू के परम पवित्र स्थान में क्या-क्या रखा गया था? पार्थिव तम्बू के परम पवित्र स्थान में धूप की वेदी और वाचा की सन्दूक रखा गया था।
9:7 covs परम पवित्र स्थान में महायाजक कब-कब जाया करता था, और जाने से पहले वह क्या करता था? परम पवित्र स्थान में महायाजक वर्ष में एक ही बार, अपने लिये और लोगों के लिये लहू का बलिदान चढ़ाकर जाया करता था।
9:9 lcdp वर्तमान समय में इस पत्री के पाठकों के लिये दृष्टांत के रूप में काम करती है? वर्तमान समय में वहाँ पार्थिव तम्बू और भेंटें और चढ़ाए जा रहे बलिदान दृष्टांत के रूप में काम करते हैं।
9:9 qsj9 पार्थिव तम्बू की भेंटें क्या करने में सक्षम नहीं थीं? पार्थिव तम्बू की भेंटें आराधना करने वाले के विवेक को सिद्ध करने में सक्षम नहीं थीं।
9:10 y985 पार्थिव तम्बू के नियम किस समय तक के लिये दिए गए थे? पार्थिव तम्बू के नियम उस समय तक के लिये दिए गए थे जब तक कि नयी व्यवस्था लागू नहीं हो जाती।
9:11 qh76 जिस पवित्र तम्बू में मसीह सेवा करता है उसके विषय में कौन सी बात अलग है? जिस पवित्र तम्बू में मसीह सेवा करता है अति सिद्ध है, और उसे मानवीय हाथों से नहीं बनाया गया है, तथा वह इस रचे गए संसार का नहीं है।
9:12 oqyb मसीह ने कौन सी भेंट चढ़ाई, जिसके द्वारा वह परम पवित्र स्थान में प्रवेश कर गया? मसीह ने अपने स्वयं के लहू की भेंट चढ़ाई, जिसके द्वारा वह परम पवित्र स्थान में प्रवेश कर गया
9:12 nazu मसीह की भेंट ने किस बात को पूरा किया? मसीह की भेंट ने सब लोगों के लिये अनन्त छुटकारे को सुरक्षित किया।
9:14 uxpr मसीह का लहू विश्वासी जन के लिये क्या करता है? मसीह का लहू जीवित परमेश्वर की सेवा करने के लिये विश्वासी जन के विवेक को मरे हुए कामों से पवित्र करता है।
9:15 cm88 मसीह की बात का मध्यस्थ है? मसीह नयी वाचा का मध्यस्थ है।
9:17 i5fg किसी वाचा को पक्का होने के लिये क्या आवश्यक है? किसी वाचा को पक्का होने के लिये मरना आवश्यक है।
9:18-19 szwf पहली वाचा के लिये किसकी मृत्यु आवश्यक थी? पहली वाचा के लिये बछड़ों औऱ बकरों की मृत्यु आवश्यक थी।
9:22 a9je बिना लहू बहाए क्या नहीं हो सकता है? बिना लहू बहाए पापों की क्षमा नहीं मिलती।
9:24 ng7o हमारी ओर से अब मसीह कहाँ प्रकट हुआ है? हमारी ओर से, परमेश्वर के सामने, स्वर्ग में मसीह अब प्रकट हुआ है।
9:26 kb8v स्वयं के बलिदान के द्वारा पाप को दूर करने के लिये मसीह को कितनी बार अपने आप को चढ़ाना होगा? युग के अंत में, स्वयं के बलिदान के द्वारा मसीह पाप को दूर करने के लिये अपने आप को एक बार ही चढ़ाता है।
9:27 cod9 हर व्यक्ति के लिये, उनकी मृत्यु के बाद क्या होना नियुक्त है? हर व्यक्ति की मृत्यु के बाद, उनका न्याय किया जाएगा।
9:28 w4x3 मसीह दूसरी बार किस उद्धेश्य के लिये प्रकट होगा? मसीह दूसरी बार उन लोगों के उद्धार के लिये प्रकट होगा जो उत्सुक होकर उसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
10:1 byez मसीह की वास्तविकताओं की तुलना में व्यवस्था क्या है? व्यवस्था केवल मसीह की वास्तविकताओं का प्रतिबिम्ब है।
10:3 z30h व्यवस्था के द्वारा बार-बार चढ़ाए जाने वाले बलिदान आराधकों को किस बात का स्मरण दिलाते हैं? व्यवस्था के द्वारा बार-बार चढ़ाए जाने वाले बलिदान आराधकों को किए गए पापों का स्मरण दिलाते हैं।
10:4 k3qg बैलों और बकरों के लहू के लिये क्या करना असम्भव है? बैलों और बकरों के लहू के लिये पापों को दूर करना असम्भव है।
10:5 wdrp जब मसीह इस जगत में आया तो परमेश्वर ने उसके लिये क्या तैयार किया था? परमेश्वर ने मसीह के लिये एक देह तैयार की थी।
10:8 g1wh जब मसीह इस जगत में आया तो परमेश्वर ने कौन सी प्रथा को अलग कर दिया था? व्यवस्था के अनुसार बलिदानों को चढ़ाने की पहले वाली प्रथा को परमेश्वर ने अलग कर दिया था।
10:10 aklh जब मसीह इस जगत में आया तो परमेश्वर ने कौन सी प्रथा को स्थापित किया था? परमेश्वर ने यीशु मसीह की देह को एक ही बार में सर्वदा के लिये चढ़ाने की दूसरी प्रथा को स्थापित किया था।
10:12-13 vc86 जब मसीह परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठ गया है तो वह किस बात की प्रतीक्षा कर रहा है? मसीह उस समय की प्रतीक्षा कर रहा है जब उसके शत्रुओं को विनम्र करके उसके पाँवों की चौकी बना दिया जाएगा।
10:14 bscl अपने एक ही चढ़ावे के द्वारा, मसीह ने पवित्र किए गए लोगों के लिये क्या किया है? अपने एक ही चढ़ावे के द्वारा मसीह ने पवित्र किए गए लोगों को सर्वदा के लिये सिद्ध कर दिया है।
10:18 hshq जहाँ पापों की क्षमा हो गई वहाँ किस बात की आवश्यकता नहीं रही? जहाँ पापों की क्षमा हो गई वहाँ अतिरिक्त बलिदानों की आवश्यकता नहीं रही।
10:19 pbqt यीशु के लहू के द्वारा अब विश्वासी लोग किस स्थान में प्रवेश कर सकते हैं? यीशु के लहू के द्वारा अब विश्वासी लोग परम पवित्र स्थान में प्रवेश कर सकते हैं।
10:22 o4t3 विश्वासी जन पर क्या छिड़का गया है और क्या धोया गया है? विश्वासी जन के हृदय पर छिड़काव करके दुष्ट विवेक को दूर किया गया है, और उसके शरीर को शुद्ध जल से धोया गया है।
10:23 n6yz विश्वासी लोगों को किस बात को दृढ़ता से थामे रखना है? विश्वासी लोगों को अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामे रखना है।
10:25 n3ff विश्वासी लोगों को उस दिन को निकट आता देखकर क्या करना चाहिए? विश्वासी लोगों को उस दिन को निकट आता देखकर एक-दूसरे को अधिकाधिक प्रोत्साहित करना चाहिए।
10:26-27 sp8d उन लोगों की क्या अपेक्षा है जो सत्य की पहचान प्राप्त करने के बाद भी जान बूझकर पाप करते रहते हैं? जो लोग सत्य की पहचान प्राप्त करने के बाद भी जान बूझकर पाप करते रहते हैं उनकी अपेक्षा दण्ड और जलन की आग है जो परमेश्वर के विरोधियों को भस्म कर देगी।
10:28-29 hww1 जो व्यक्ति मसीह के लहू को जिसके द्वारा वह पवित्र किया गया था अपवित्र मानता है, वह किसके योग्य ठहरेगा? जो व्यक्ति मसीह के लहू को जिसके द्वारा वह पवित्र किया गया था अपवित्र मानता है, वह मूसा की व्यवस्था के तहत दिए गए दंड से भी बढ़कर दयारहित दंड के योग्य ठहरेगा।
10:30 prxw पलटा लेना किसका काम है? पलटा लेना प्रभु का काम है।
10:34 ai3i जिन विश्वासी लोगों को यह पत्री मिली थी उन्होंने अपनी सम्पत्ति छीने जाने पर कैसी प्रतिक्रिया दी थी? उन विश्वासी लोगों ने अपनी सम्पत्ति छीने जाने पर इसे आनन्द के साथ स्वीकार कर लिया था, यह जानते हुए कि उनके पास एक उत्तम और स्थायी सम्पत्ति है।
10:35-36 dgcc जिस बात की परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है उसे पाने के लिये विश्वासी जन को क्या नहीं खोना है? विश्वासी जन को अपने भरोसे को बनाए रखना है ताकि वह उसे प्राप्त कर सके जिसकी परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है।
10:38 pr4m धर्मी जन कैसे जीवित रहेगा? धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा।
10:38 tasb जो लोग पीछे हट गए हैं उनके विषय में परमेश्वर क्या विचार करता है? जो लोग पीछे हट गए हैं उनसे परमेश्वर अप्रसन्न है।
10:39 qvs2 इस पत्री को प्राप्त करने वाले लोगों से लेखक की क्या अपेक्षा है? लेखक की अपेक्षा यह है कि इस पत्री को प्राप्त करने वाले लोग अपने प्राणों की रक्षा के लिये विश्वास करें।
11:1 lfic एक विश्वासी जन का परमेश्वर की उन प्रतिज्ञाओं के प्रति जो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं क्या रवैया रखना चाहिए? एक विश्वासी व्यक्ति आत्मविश्वास से परमेश्वर की उन प्रतिज्ञाओं की जो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं आशा करता है और उनके प्रति निश्चितता रखता है।
11:3 w7dk सृष्टि की दिखाई पड़ने वाली वस्तुएँ किससे बनाई गई थीं? सृष्टि की दिखाई पड़ने वाली वस्तुओं को दिखाई पड़ने वाली वस्तुओं से नहीं बनाया गया था।
11:4 ip6c धर्मी होने के कारण परमेश्वर ने हाबिल की बड़ाई क्यों की? परमेश्वर ने हाबिल की बड़ाई इसलिये की क्योंकि उसने विश्वास के द्वारा परमेश्वर को कैन की तुलना में अधिक उपयुक्त बलिदान चढ़ाया था।
11:6 w9a6 परमेश्वर के पास आने वाले व्यक्ति को परमेश्वर के विषय में किस बात पर विश्वास करना चाहिए? परमेश्वर के पास आने वाले व्यक्ति को इस बात पर विश्वास करना चाहिए वह मौजूद हौ और अपने खोजने वालों को वह प्रतिफल देता है।
11:7 dss4 नूह ने अपने विश्वास का प्रदर्शन कैसे किया? नूह ने परमेश्वर की चेतावनी के अनुसार अपने परिवार को बचाने के लिये एक जहाज़ बनाकर अपने विश्वास का प्रदर्शन किया।
11:11 k8zp अब्राहम और सारा ने विश्वास के द्वारा कौन सी प्रतिज्ञा को प्राप्त किया? अब्राहम और सारा ने विश्वास के द्वारा गर्भधारण की सामर्थ्य की प्रतिज्ञा को प्राप्त किया भले ही वे लोग बहुत बूढ़े हो गए थे।
11:13 tgrs विश्वास के वंशजों ने दूर ही से क्या देखा? विश्वास के वंशजों ने दूर ही से परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को देखकर उनका स्वागत किया।
11:13 rnoy विश्वास के वंशजों ने अपने आप को पृथ्वी पर क्या माना? विश्वास के वंशजों ने अपने आप को पृथ्वी पर अजनबी और परदेशी माना।
11:16 wth5 विश्वास करने वालों के लिये परमेश्वर ने क्या तैयार किया है? विश्वास करने वालों के लिये परमेश्वर ने एक स्वर्गीय नगर तैयार किया है।
11:17-19 oqr6 जब अब्राहम ने अपने इकलौते पुत्र इसहाक को बलिदान चढ़ा दिया था, तो उसे क्या विश्वास था कि परमेश्वर क्या करने में सक्षम है? अब्राहम ने विश्वास किया कि परमेश्वर इसहाक को मृतकों में से जिलाने में सक्षम है।
11:22 nec7 जब यूसुफ का अन्त निकट था उस समय उसने विश्वास के द्वारा क्या भविष्यद्वाणी की थी? जब यूसुफ का अन्त निकट था उस समय उसने इस्राएल की सन्तानों के मिस्र से निकल जाने की भविष्यद्वाणी की थी।
11:24-26 ma6j मूसा ने सयाना होकर विश्वास के द्वारा क्या करने का चुनाव किया था? मूसा ने विश्वास के द्वारा मसीह के पीछे चलने में होने वाले अपमान को बड़ा धन मानकर, परमेश्वर के लोगों के साथ होने वाले बुरे बर्ताव को साझा करने का निर्णय लिया।
11:28 t8zh मूसा ने इस्राएलियों के पहिलौठे पुत्रों को बचाने के लिये विश्वास के द्वारा क्या माना? मूसा ने इस्राएलियों के पहिलौठे पुत्रों को बचाने के लिये विश्वास के द्वारा फसह का पर्व और लहू छिड़के जाने की विधि को माना।
11:31 qz2q विश्वास के द्वारा राहाब ने क्या किया था जिसने उसे नाश होने से बचा लिया था? विश्वास के द्वारा राहाब ने भेदियों का सुरक्षापूर्वक स्वागत किया था जिसने उसे नाश होने से बचा लिया था।
11:33-34 ieny विश्वास के कुछ पूर्वजों ने युद्ध में क्या हासिल किया था? विश्वास के कुछ पूर्वजों ने राज्यों को जीत लिया, तलवार से बच निकले, युद्ध में प्रबल हुए, और विदेशी सेनाओं को भाग खड़े होने पर विवश किया।
11:35-38 kand विश्वास के कुछ पूर्वजों ने क्या दुःख उठाए? विश्वास के कुछ पूर्वजों ने सताव, उपहास, कोड़े खाने, जंजीरों में जकड़े जाने, कैद होने, पथराव, आरे से दो भागों में काटे जाने, मृत्यु और इधर-उधर मारे-मारे फिरने को सहा।
11:39 dyoi इन पूर्वजों के विश्वास के बावजूद, पृथ्वी पर अपने जीवन को व्यतीत करते हुए उन्होंने किस वस्तु को प्राप्त नहीं किया? इन पूर्वजों के विश्वास के बावजूद, पृथ्वी पर अपने जीवन को व्यतीत करते हुए उन्होंने उस वस्तु को प्राप्त नहीं किया जिसकी परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी?
11:40 dtaa विश्वास के ये पूर्वज किसके साथ परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को प्राप्त करके सिद्ध बनेंगे? विश्वास के ये पूर्वज मसीह में पाए जाने वाले नयी वाचा के विश्वासी लोगों के साथ परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को प्राप्त करके सिद्ध बनेंगे।
12:1 oi6q विश्वासी जन को उसे आसानी से उलझाने वाले पाप को दूर क्यों कर देना चाहिेए? विश्वासी जन को आसानी से उलझाने वाले पाप को दूर इसलिये कर देना चाहिेए ताकि उसके सामने रखी गई दौड़ को वह धीरज से दौड़ पाए।
12:2 ihe8 यीशु ने लज्जा की परवाह किए बिना क्रूस को क्यों सह लिया? यीशु ने उसके सामने रखे गए आनन्द के निमित्त लज्जा की परवाह किए बिना क्रूस को सह लिया।
12:3 x33r कोई विश्वासी जन अपने मन में थककर हार मानने से कैसे बच सकता है? पापियों का विरोध सहने वाले यीशु पर ध्यान लगाने के द्वारा, कोई कोई विश्वासी जन अपने मन में थककर हार मानने से बच सकता है।
12:6 nbu5 प्रभु जिन लोगों को प्रेम करके ग्रहण करता है वह उनके साथ क्या करता है? प्रभु जिन लोगों को प्रेम करके ग्रहण करता है वह उन्हें ताड़ना देता है।
12:8 lexj जिस व्यक्ति को प्रभु ताड़ना नहीं देता वह किसके समान है? जिस व्यक्ति को प्रभु ताड़ना नहीं देता वह परमेश्वर की सन्तान नहीं, बल्कि व्यभिचार की सन्तान है।
12:10 hgbw परमेश्वर अपने बच्चों को ताड़ना क्यों देता है? परमेश्वर अपने बच्चों की भलाई के लिये उन्हें ताड़ना देता है, ताकि वे उसकी पवित्रता में भागीदार हों।
12:11 ygm2 ताड़ना से क्या उत्पन्न होता है? ताड़ना से धार्मिकता का शान्तिदायक फल उत्पन्न होता है।
12:14 arv9 विश्वासी लोगों को सब मनुष्यों के साथ किस बात की खोज करनी चाहिए? विश्वासी लोगों को सब मनुष्यों के साथ शान्ति की खोज करनी चाहिए।
12:15 x05r कौन सी वस्तु को नहीं बढ़ना चाहिए जो उपद्रव करते हुए बहुत से लोगों को अशुद्ध करती है? कड़वाहट की जड़ को नहीं बढ़ना चाहिए जो उपद्रव करते हुए बहुत से लोगों को अशुद्ध करती है
12:17 vtkl जब एसाव ने अपने पहिलौठे के अधिकार को बेचने के बाद आँसू बहा-बहाकर उस आशीष को पाना चाहा तो उसके साथ क्या हुआ? जब एसाव ने अपने पहिलौठे के अधिकार को बेचने के बाद आँसू बहा-बहाकर उस आशीष को पाना चाहा तो उसे अस्वीकार कर दिया गया था।
12:19 offf इस्राएली लोगों ने पहाड़ पर क्या विनती की जहाँ परमेश्वर ने बातें की थीं? इस्राएली लोगों ने विनती की कि उनसे औऱ बातें न की जाएँ।
12:22 v92o जिस पहाड़ पर इस्राएली लोगों ने परमेश्वर की वाणी सुनी थी वहाँ के बजाय मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग कहाँ आए हैं? मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग सिय्योन पर्वत के पास और जीवित परमेश्वर के नगर के पास आए हैं।
12:23 aeh8 मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग किस सभा के पास आए हैं? मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग उन सब पहिलौठों की सभा के पास आए हैं जिनके नाम स्वर्ग में लिखे हुए हैं।
12:23-24 fclv मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग किसके पास आए हैं? मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग सबके न्यायी, अर्थात् परमेश्वर के पास, धर्मियों की आत्माओं के पास, और यीशु के पास आए हैं।
12:25 gram उन लोगों का क्या होगा जिन्होंने स्वर्ग पर से चेतावनी देने वाले से मुँह फेर लिया है? जिन लोगों ने मुँह फेर लिया है वे परमेश्वर से बच नहीं पाएँगे।
12:26 qe3t परमेश्वर ने किसे हिलाने की प्रतिज्ञा की है? परमेश्वर ने पृथ्वी और स्वर्ग को हिलाने की प्रतिज्ञा की है।
12:28 bc4f जिन वस्तुओं को हिलाया जा सकता है उनके बदले में विश्वासी लोगों को क्या मिलेगा? विश्वासी लोगों को एक ऐसा राज्य मिलेगा जो हिलने का नहीं।
12:28 acth विश्वासी लोगों को परमेश्वर की आराधना कैसे करनी चाहिए? विश्वासी लोगों को परमेश्वर की आराधना श्रद्धा एवं भय के साथ करनी चाहिए।
12:29 sft9 विश्वासी लोगों को परमेश्वर की आराधना इस रीति से क्यों करनी चाहिए? विश्वासी लोगों को परमेश्वर की आराधना इस रीति से इसलिये करनी चाहिए क्योंकि वह एख भस्म करने वाली आग है।
13:2 tp8h कुछ लोगों ने अजनबियों का स्वागत करने के द्वारा क्या किया? कुछ लोगों ने इस बात को जाने बिना ही स्वर्गदूतों का स्वागत किया।
13:3 y0k8 जो लोग जेल में हैं विश्वासी लोगों को उन्हें कैसे स्मरण करना चाहिए? विश्वासी लोगों को उन्हें ऐसे स्मरण करना चाहिए कि मानो वे भी जेल में ही होंं, और ऐसे कि मानो उनके शरीरों के साथ भी बुरा बर्ताव किया गया हो।
13:4 sc3p सब लोगों के द्वारा किस बात का आदर किया जाना चाहिए? सब लोगों के द्वारा विवाह का आदर किया जाना चाहिए।
13:4 e6vl यौन अनैतिक और व्यभिचारियों के साथ परमेश्वर क्या करता है? यौन अनैतिक और व्यभिचारियों का परमेश्वर न्याय करता है।
13:5 yfk7 कोई विश्वासी जन धन के लोभ से कैसे मुक्त हो सकता है? कोई विश्वासी जन धन के लोभ से इसलिये मुक्त हो सकता है क्योंकि परमेश्वर ने कहा है कि वह उसे न तो कभी छोड़ेगा और न ही कभी त्यागेगा।
13:7 bti3 विश्वासी लोगों को किसके विश्वास का अनुसरण करना चाहिए? विश्वासी लोगों को उन लोगों के विश्वास का अनुसरण करना चाहिए जिन्होंने उनकी अगुवाई की और जिन्होंने उन्हें परमेश्वर का वचन सुनाया था।
13:9 wmji विश्वासी लोगों को किस प्रकार की विचित्र शिक्षाओं के विषय में लेखक चेतावनी देता है? विश्वासी लोगों को भोजन के विषय में विचित्र शिक्षाओं की लेखक चेतावनी देता है।
13:11 jthb जिन पशुओं का पवित्र स्थान में बलिदान के लिये उपयोग किया गया है उनकी देह को कहाँ जलाया गया था? उन पशुओं के देह को छावनी के बाहर जलाया गया था।
13:12 uumm यीशु ने कहाँ दुःख उठाया? यीशु ने नगर के फाटक के बाहर दुःख उठाया।
13:13 fyv1 विश्वासी लोगों को कहाँ जाना चाहिए, और क्यों जाना चाहिए? विश्वासी लोगों को यीशु की निन्दा को अपने ऊपर लिये हुए, छावनी के बाहर उसके पास जाना चाहिए।
13:14 u0fd विश्वासी लोगों के पास यहाँ पृथ्वी पर कौन सा स्थिर रहने वाला नगर है? विश्वासी लोगों के पास यहाँ पृथ्वी पर स्थिर रहने वाला कोई नगर नहीं है।
13:14 ylu7 उसके बजाय विश्वासी लोग किस नगर की खोज में हैं? विश्वासी लोग उस आने वाले नगर की खोज में हैं।
13:15 vbld विश्वासी लोगों को परमेश्वर को कौन सा बलिदान निरन्तर चढ़ाना चाहिए? विश्वासी लोगों को परमेश्वर को स्तुतिरूपी बलिदान निरन्तर चढ़ाना चाहिए।
13:17 y6za विश्वासी लोगों को अपने अगुवों के प्रति कैसा रवैया रखना चाहिए? विश्वासी लोगों को अपने अगुवों का आज्ञापालन करना चाहिए और उनके अधीन रहना चाहिए।
13:21 sw6h परमेश्वर विश्वासी जन में क्या काम करता है? परमेश्वर विश्वासी जन में वह काम करता है जो परमेश्वर को प्रसन्न करता है।
13:23 x0ax लेखक जब उन विश्वासी लोगों से मिलने आता है तो वह किसके साथ आएगा? लेखक जब उन विश्वासी लोगों से मिलने आता है उस समय वह तीमुथियुस के साथ आएगा।
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2 1:1 s3pe बीते समय में परमेश्वर ने कैसे बातें की थीं? बीते समय में परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से बहुत बार और बहुत से तरीकों से बातें की थीं।
3 1:2 wmho इन दिनों में परमेश्वर ने कैसे बातें की हैं? इन दिनों में परमेश्वर ने पुत्र के माध्यम से बातें की हैं।
4 1:2 qsni युगों-युगों की रचना किसके माध्यम से की गई थी? युगों-युगों की रचना परमेश्वर के पुत्र के माध्यम से की गई थी।
5 1:3 suav सब वस्तुएँ कैसे कायम रहती हैं? सब वस्तुएँ परमेश्वर की सामर्थ्य वाले पुत्र के वचन से कायम रहती हैं।
6 1:3 t73s परमेश्वर के तेज और मूलतत्व को पुत्र कैसे प्रदर्शित करता है? परमेश्वर के तेज की चमक और परमेश्वर के मूलतत्व की प्रदर्शन पुत्र में ही होता है।
7 1:4 q7xp स्वर्गदूतों की तुलना में परमेश्वर का पुत्र कैसा है? परमेश्वर का पुत्र स्वर्गदूतों की तुलना में कहीं श्रेष्ठ है।
8 1:6 djak जब पुत्र को इस संसार में लाया गया था उस समय परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को क्या करने की आज्ञा दी थी? जब पुत्र को इस संसार में लाया गया था उस समय परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को पुत्र को दंडवत् करने की आज्ञा दी थी।
9 1:8 tqxo राजा के रूप में पुत्र कब तक शासन करेगा? राजा के रूप में पुत्र सदा-सर्वदा शासन करेगा।
10 1:9 v22q पुत्र किससे प्रेम रखता है और किससे बैर रखता है? पुत्र को धार्मिकता से प्रेम है और अधर्म से बैर है।
11 1:10-11 y2vl समय बीतने पर पृथ्वी और स्वर्ग के साथ क्या घटित होगा? पृथ्वी और स्वर्ग किसी वस्त्र के समान पुराने होकर नष्ट हो जाएँगे।
12 1:13 ex08 परमेश्वर ने पुत्र को कहाँ बैठने के लिये, और क्या घटित होने की प्रतीक्षा करने को कहा? परमेश्वर ने पुत्र को अपने दाहिनी ओर उस समय तक बैठने के लिये कहा जब तक कि परमेश्वर पुत्र के शत्रुओं को उसके पाँवों की चौकी न बना दे।
13 1:14 jctl स्वर्गदूत किसकी सेवाटहल करते हैं? स्वर्गदूत उन लोगों की सेवाटहल करते हैं जो उद्धार पाने वाले हैं।
14 2:1 e8t6 विश्वास करने वालों को उन बातों पर ध्यान क्यों देना चाहिए जो उन्होंने सुनी हैं? विश्वास करने वालों को उन बातों पर ध्यान देना चाहिए जो उन्होंने सुनी हैं ताकि वे उनसे दूर न चले जाएँ।
15 2:2 wje0 हर एक अपराध और अनाज्ञाकारिता को क्या मिलेगा? हर एक अपराध और अनाज्ञाकारिता को न्यायपूर्वक दंड मिलेगा।
16 2:4 oiz6 प्रभु के द्वारा बताए गए उद्धार के संदेश की गवाही परमेश्वर ने कैसे दी थी? परमेश्वर ने उस संदेश की गवाही चिन्हों, अद्भुत कामों, भिन्न-भिन्न आश्चर्यकर्मों के द्वारा, और पवित्र आत्मा के वरदान के द्वारा दी थी।
17 2:5 fdef आने वाले जगत पर कौन शासन नहीं करेगा? आने वाले जगत पर स्वर्गदूत शासन नहीं करेंगे।
18 2:7-8 okqg आने वाले जगत पर कौन शासन करेगा? आने वाले जगत पर मनुष्य शासन करेगा।
19 2:9 j0o4 यीशु को महिमा और आदर का मुकुट क्यों पहनाया गया था? यीशु को उसके दुःख उठाने और मृत्यु के कारण महिमा और आदर का मुकुट पहनाया गया था।
20 2:9 ahfm यीशु ने किसके लिये मृत्यु का स्वाद चखा था? यीशु ने सब मनुष्यों के लिये मृत्यु का स्वाद चखा था।
21 2:10 yjfz परमेश्वर ने किसे महिमा में लाने की योजना बनाई थी? परमेश्वर ने बहुत से पुत्रों को महिमा में लाने की योजना बनाई थी।
22 2:11 ov8n वे दोनों कौन हैं जो एकलौते स्रोत, अर्थात् परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं? पवित्र करने वाला और पवित्र किए जाने वाले दोनों ही एकलौते स्रोत, अर्थात् परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं।
23 2:14 h4w8 यीशु की मृत्यु के माध्यम से किसे प्रभावहीन किया गया था? यीशु की मृत्यु के माध्यम से शैतान को प्रभावहीन किया गया था।
24 2:15 dyfk यीशु की मृत्यु के माध्यम से लोगों को किस दासत्व से छुड़ाया गया है? यीशु की मृत्यु के माध्यम से लोगों को मृत्यु के भय से छुड़ाया गया है।
25 2:17 bokd यीशु के लिये यह आवश्यक क्यों था कि सब बातों में अपने भाइयों के समान हो जाए? यह इसलिये आवश्यक था ताकि वह परमेश्वर की बातों पर एक दयालु और विश्वासयोग्य महायाजक बन सके, और इसलिये वह लोगों के पापों के लिए क्षमा को प्राप्त कर सके।
26 2:18 w3tq जो लोग परीक्षा में पड़े हैं उनकी सहायता करने में यीशु सक्षम क्यों है? जो लोग परीक्षा में पड़े हैं उनकी सहायता करने में यीशु सक्षम इसलिये है क्योंकि उसकी भी परीक्षा हुई थी।
27 3:1 lqsl इब्रानियों की पुस्तक का लेखक यीशु के द्वारा किन दो भूमिकाओं को पूरा करने के विषय में कहता है? लेखक कहता है कि यीशु प्रेरित और महायाजक है।
28 3:2-3 aa7p मूसा की तुलना में यीशु को अधिक महिमा के योग्य क्यों माना गया है? मूसा की तुलना में यीशु को अधिक महिमा के योग्य इसलिये माना गया है क्योंकि जब मूसा परमेश्वर के सारे घराने में विश्वासयोग्य था, तो जिसने उस घर को बनाया वह यीशु ही था।
29 3:5 rn1u परमेश्वर के घर में मूसा की क्या भूमिका थी? परमेश्वर के घर में मूसा एक सेवक था।
30 3:5 lcnt मूसा ने किस विषय में गवाही दी थी? मूसा ने भविष्य में बोली जाने वाली बातों के विषय में गवाही दी थी।
31 3:6 ie63 परमेश्वर के घर में यीशु की क्या भूमिका है? परमेश्वर के घर में यीशु की पुत्र के समान अधिकारी की भूमिका है।
32 3:6 vf5k परमेश्वर का घर कौन है? विश्वास करने वाले लोग ही परमेश्वर का घर हैं यदि वे अपने भरोसे को थामे रहें।
33 3:7-8 yvzc जब इस्राएली लोगों ने परमेश्वर की वाणी सुनी तो उन्होंने क्या किया था? इस्राएली लोगों ने अपने मनों को कठोर कर लिया था।
34 3:10-11 qarg इस्राएली लोगों के विषय में परमेश्वर ने क्या शपथ खाई थी जो अपने मनों में भटक गए थे? परमेश्वर ने शपथ खाई कि वे लोग उसके विश्राम में प्रवेश नहीं कर पाएँगे।
35 3:12 yti8 भाइयों को किस विषय में सचेत रहने की चेतावनी ही गई थी? भाइयों को अविश्वास के द्वारा जीवित परमेश्वर से दूर न हो जाने के विषय में सचेत रहने की चेतावनी ही गई थी।
36 3:13 lkhh भाइयों को क्या करना था ताकि वे पाप की धोखाधड़ी से कठोर हो जाने से बच सकें? भाइयों को एक-दूसरे को प्रतिदिन उत्साहित करना था।
37 3:14 ynpz मसीह के भागीदार के रूप में, विश्वासी लोगों को क्या करना चाहिए? मसीह के भागीदार के रूप में, विश्वासी लोगों को आरम्भ से लेकर अंत तक यीशु में अपने भरोसे को थामे रखना है।
38 3:17 tkxa परमेश्वर किससे 40 वर्षों तक क्रोधित रहा? जिन लोगों ने जंगल में पाप किया था उनसे परमेश्वर क्रोधित रहा।
39 3:17 sily जिन लोगों से परमेश्वर क्रोधित था उनका क्या हुआ? उनके मृत शरीर जंगल में पड़े रहे।
40 3:19 lesq अनाज्ञाकारी इस्राएली लोग परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने में सक्षम क्यों नहीं हुए? अविश्वास के कारण, वे लोग परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने में सक्षम नहीं हुए।
41 4:2 d4kt विश्वास करने वालों ने और इस्राएली लोगों ने कौन से शुभ संदेश को सुना था? विश्वास करने वालों ने और इस्राएली लोगों ने परमेश्वर के विश्राम के विषय में शुभ संदेश को सुना था।
42 4:2 kamc इस्राएली लोगों को उस शुभ संदेश से लाभ क्यों नहीं हुआ? इस्राएली लोगों को उस शुभ संदेश से लाभ इसलिये नहीं हुआ क्योंकि वे उसे मानने वालों के साथ विश्वास में जुड़े नहीं थे।
43 4:3 hc9o वे लोग कौन हैं जो परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करते हैं? जिन्होंने विश्वास किया वे लोग ही परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करते हैं
44 4:3-4 sx3t परमेश्वर ने अपने सृष्टि करने के कामों के पूरा करके कब विश्राम किया था? परमेश्वर ने जगत के आरम्भ में अपने सृष्टि करने के कामों के पूरा करके सातवें दिन विश्राम किया था।
45 4:5-6 oqf6 परमेश्वर ने इस्राएली लोगों के और अपने विश्राम के विषय में क्या कहा? परमेश्वर ने कहा कि इस्राएली लोग उसके विश्राम में प्रवेश नहीं करेंगे।
46 4:7 n0ki अब परमेश्वर ने लोगों के लिये अपने विश्राम में प्रवेश करने के लिये कौन सा दिन निर्धारित किया है? परमेश्वर ने लोगों के लिये अपने विश्राम में प्रवेश करने के रूप में “आज का दिन” को निर्धारित किया है।
47 4:7 txiv परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने के निमित्त किसी व्यक्ति को क्या करना होगा? किसी व्यक्ति को परमेश्वर की वाणी सुनकर अपने मन को कठोर नहीं करना है।
48 4:9 a832 परमेश्वर के लोगों के लिये अभी भी क्या बाकी है? परमेश्वर के लोगों के लिये अभी भी सब्त का विश्राम बाकी है।
49 4:10 roo0 परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने वाला व्यक्ति और किस बात से विश्राम लेता है? परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने वाला व्यक्ति अपने कामों से भी विश्राम लेता है।
50 4:11 uub1 विश्वास करने वालों को परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने के निमित्त आतुर क्यों होना चाहिए? विश्वास करने वालों को परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने के निमित्त आतुर इसलिये होना चाहिए ताकि वे इस्राएलियों के समान अनाज्ञाकारिता में न गिरें।
51 4:12 cd4v परमेश्वर का वचन किससे अधिक तेज है? परमेश्वर का वचन किसी दोधारी तलवार से भी अधिक तेज है।
52 4:12 y6uw परमेश्वर का वचन किसे अलग-अलग करने में सक्षम है? परमेश्वर का वचन प्राण को आत्मा से और गाँठ-गाँठ को गूदे-गूदे से अलग-अलग करने में सक्षम है।
53 4:12 e6qy परमेश्वर का वचन किसे परखने में सक्षम है? परमेश्वर का वचन हृदय के विचारों और मंशाओं को परखने में सक्षम है।
54 4:13 opug कौन और क्या परमेश्वर की दृष्टि से छिपा हुआ है? रची गई कोई भी वस्तु परमेश्वर की दृष्टि से छिपी नहीं है।
55 4:14 mb8g विश्वास करने वालों के लिये महायाजक के रूप में कौन सेवा करता है? परमेश्वर का पुत्र यीशु, विश्वास करने वालों के लिये महायाजक के रूप में सेवा करता है।
56 4:15 l5cm यीशु विश्वासियों की निर्बलताओं के प्रति सहानुभूति क्यों महसूस करता है? यीशु विश्वासियों की निर्बलताओं के प्रति सहानुभूति इसलिये महसूस करता है क्योंकि उसे भी सब बातों में परखा गया था।
57 4:15 z66r यीशु ने कितनी बार पाप किया था? यीशु ने कभी पाप नहीं किया। यीशु निष्पाप था।
58 4:16 poo3 आवश्यकता के समय में, दया और अनुग्रह पाने के लिये विश्वासी लोगों को क्या करना होगा? आवश्यकता के समय में, विश्वासी लोगों को हियाव बाँधकर अनुग्रह के सिंहासन के पास जाना होगा।
59 5:1 f9kg लोगों की ओर से प्रत्येक महायाजक क्या करता है? लोगों के लिये, प्रत्येक महायाजक पापों के लिये भेंटें और बलिदान चढ़ाता है।
60 5:3 qzso लोगों के अतिरिक्त, महायाजक और किस के लिये बलिदान चढ़ाता है? महायाजक अपने पापों के लिये भी बलिदान चढ़ाता है।
61 5:4 cfxd कोई मनुष्य परमेश्वर का महायाजक बनने का सम्मान कैसे प्राप्त करता है? किसी मनुष्य को परमेश्वर का महायाजक बनने के लिये परमेश्वर के द्वारा बुलाया जाना आवश्यक है।
62 5:5 cty9 यीशु को महायाजक किसने ठहराया? परमेश्वर ने ही यीशु को महायाजक ठहराया था।
63 5:6 dxsz मसीह परमेश्वर का महायाजक कब तक रहेगा? मसीह सदा के लिये परमेश्वर का महायाजक है।
64 5:6 fllb मसीह किस रीति से महायाजक है? मलिकिसिदक की रीति से मसीह महायाजक है।
65 5:7 b3bt जब मसीह ने प्रार्थना की तो उसे परमेश्वर की ओर से क्यों सुना गया? मसीह के भक्तिपूर्ण जीवन के कारण उसे परमेश्वर की ओर से सुना गया था।
66 5:8 ly69 मसीह ने आज्ञाकारिता कैसे सीखी? जिन बातों में मसीह ने दुःख उठाया, उसने उनसे आज्ञाकारिता सीखी।
67 5:9 ewdj मसीह किसके लिये अनन्त उद्धार का कारण बन गया? जितने लोग उसकी आज्ञा मानते थे, उन सब के लिये मसीह अनन्त उद्धार का कारण बन गया।
68 5:11 meb6 इस पत्री के मूल पाठकों की आत्मिक स्थिति कैसे थी? इसके मूल पाठक सुनने में मंद थे।
69 5:14 yjmd इस पत्री का लेखक क्या कहता है कि विश्वासी लोगों को आत्मिक बच्चों से उन्नति करके सयाना कैसे बनना है? विश्वासी लोगों को गलत बातों में से सही बातों को पहचान कर, भले-बुरे दोनों के बीच अंतर करने का अभ्यास करने के द्वारा आत्मिक रूप से उन्नति करनी है।
70 6:1 wxuj इब्रानियों की पत्री का लेखक विश्वासी लोगों से किसकी ओर आगे बढ़ने की इच्छा करता है? इब्रानियों की पत्री का लेखक विश्वासी लोगों से परिपक्वता की ओर आगे बढ़ने की इच्छा करता है।
71 6:1-2 t338 मसीह के संदेश की बुनियाद के रूप में लेखक किन शिक्षाओं को सूचीबद्ध करता है? इसकी बुनियादी शिक्षाएँ मरे हुए कामों से मन फिराना, परमेश्वर पर विश्वास करना, बपतिस्मा, हाथ रखना, मृतकों का पुनरुत्थान और अनन्त न्याय हैं।
72 6:4-5 uei1 इन ज्योति पाए हुए लोगों को क्या लाभ मिला है? इन ज्योति पाए हुए लोगों ने स्वर्गीय वरदान का स्वाद चखा है, एवं पवित्र आत्मा के भागीदार बन गए हैं, और परमेश्वर के वचन का तथा आने वाले युग की सामर्थ्य का स्वाद चखा है।
73 6:4-6 fv1b जिन लोगों ने मसीह में बहुत कुछ प्राप्त किया परन्तु फिर भटक गए, उनके लिये क्या करना असम्भव है? जिन लोगों ने मसीह में बहुत कुछ प्राप्त किया परन्तु फिर भटक गए, उनके लिये फिर से मन फिराव की ओर लौटना असम्भव है।
74 6:6 f7cx ये लोग मन फिराव की ओर लौट आने में सक्षम क्यों नहीं हैं? ये लोग लौट आने में सक्षम इसलिये नहीं हैं क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के उसी पुत्र को अपने लिये क्रूस पर चढ़ा दिया है और उसे लोगों में लज्जित किया है।
75 6:7-8 vbwv लेखक की उपमा में, उस भूमि का क्या हुआ जिसने वर्षा पड़ने पर भी झाड़ियाँ और ऊँटकटारे उत्पन्न किए? जिस भूमि ने वर्षा पड़ने पर भी झाड़ियाँ और ऊँटकटारे उत्पन्न किए उसका अन्त जलाया जाना है।
76 6:9 kb20 उन विश्वासी लोगों के विषय में लेखक की क्या अपेक्षा है जिन्हें वह पत्री लिख रहा है? इन विश्वासी लोगों के विषय में लेखक उत्तम बातों की अपेक्षा करता है, अर्थात् ऐसी बातें जो उद्धार से जुड़ी हुई हैं।
77 6:10 sl6h इन विश्वासी लोगों के विषय में परमेश्वर कौन सी बात नहीं भूलेगा? परमेश्वर उनके काम, परमेश्वर के प्रेम, और पवित्र लोगों की सेवा को नहीं भूलेगा।
78 6:12 itts जिन लोगों ने परमेश्वर की प्रतिज्ञाएँ प्राप्त की हैं उनके विषय में विश्वासी लोगों को किस बात का अनुकरण करना चाहिए? जिन लोगों ने परमेश्वर की प्रतिज्ञाएँ प्राप्त की हैं उनके विश्वास और धीरज का विश्वासी लोगों को अनुकरण करना चाहिए।
79 6:13-15 xe2b परमेश्वर ने अब्राहम से जो प्रतिज्ञा की थी वह प्राप्त करने के लिये उसे क्या करना पड़ा? परमेश्वर ने अब्राहम से जो प्रतिज्ञा की थी वह प्राप्त करने के लिये उसे धीरज धरकर प्रतीक्षा करनी पड़ी थी।
80 6:17 bg60 परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा का आश्वासन शपथ खाकर क्यों दिया? परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा का आश्वासन अपने उद्देश्य की अपरिवर्तनीय गुणवत्ता को और अधिक स्पष्ट रूप से प्रकट करने के लिये शपथ खाकर दिया।
81 6:18 drj0 परमेश्वर के लिये क्या करना असम्भव है? परमेश्वर के लिये झूठ बोलना असम्भव है।
82 6:19 y6sq परमेश्वर पर विश्वासी जन की आशा उसकी आत्मा के लिये क्या करती है? परमेश्वर पर विश्वासी जन की आशा उसकी आत्मा के लिये एक सुरक्षित और विश्वसनीय लंगर है।
83 6:19-20 q05h विश्वासी लोगों के लिये यीशु ने अग्रदूत के रूप में कहाँ प्रवेश किया है? विश्वासी लोगों के लिये यीशु ने अग्रदूत के रूप में परदे के पीछे भीतरी भाग में प्रवेश किया है।
84 7:1 tml2 मलिकिसिदक के पास कौन सी दो उपाधियाँ थीं? मलिकिसिदक शालेम का राजा और परमप्रधान परमेश्वर का याजक था।
85 7:2 f0in अब्राहम ने मलिकिसिदक को क्या दिया? अब्राहम ने मलिकिसिदक को उन सब वस्तुओं का दसवाँ अंश दिया जो उसने लूटी थीं।
86 7:2 hmv9 मलिकिसिदक नाम का क्या अर्थ होता है? मलिकिसिदक नाम का अर्थ “धार्मिकता का राजा” और “शान्ति का राजा” होता है।
87 7:3 sc74 मलिकिसिदक के पूर्वज कौन थे, और उसकी मृत्यु कब हुई? मलिकिसिदक बिना पूर्वजों के था और उसके जीवन को कोई अन्त नहीं है।
88 7:5 aeg4 व्यवस्था के अनुसार जो लोग याजक बनते हैं वे याजक किसके उत्पन्न हुए हैं और लोगों से दसवाँ अंश कौन लेता है? व्यवस्था के याजक लेवी से उत्पन्न हुए हैं, और उससे पहले, अब्राहम से उत्पन्न हुए हैं।
89 7:7 s2i6 अब्राहम और मलिकिसिदक में से कौन अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति था? मलिकिसिदक अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति इसलिये था क्योंकि उसने अब्राहम को आशीष दी थी।
90 7:9-10 l3cd किस रीति से स्वयं लेवी ने भी मलिकिसिदक को दसवाँ अंश दिया था? लेवी ने भी मलिकिसिदक को दसवाँ अंश दिया था, क्योंकि लेवी अब्राहम का वंशज था, और अब्राहम ने मलिकिसिदक को दसवाँ अंश दिया था।
91 7:12 ahni जब याजक का पद बदला जाता है तो और कौन सी बात को भी बदला जाना चाहिए? जब याजक का पद बदला जाता है तो व्यवस्था को भी बदला जाना चाहिए।
92 7:14 wa4j यीशु किस गोत्र से उत्पन्न हुआ था, और क्या उस गोत्र ने याजकों के रूप में वेदी पर पहले सेवा की थी? यीशु यहूदा के गोत्र से उत्पन्न हुआ था, जिसने याजकों के रूप में वेदी पर पहले कभी सेवा नहीं की थी।
93 7:16 ext0 मलिकिसिदक की रीति पर यीशु किस आधार पर याजक बना? मलिकिसिदक की रीति पर यीशु अविनाशी जीवन की सामर्थ्य के आधार पर याजक बना।
94 7:18-19 mxk9 किस वस्तु को निर्बल और निष्फल होने के कारण अलग कर दिया गया है? पहली आज्ञा, अर्थात् व्यवस्था को निर्बल और निष्फल होने के कारण अलग कर दिया गया है।
95 7:21 k1vr यीशु के विषय में परमेश्वर ने कौन सी शपथ खाई? परमेश्वर ने शपथ खाई कि यीशु सदा के लिये याजक बनेगा।
96 7:22 gr7u यीशु किस बात का आश्वासन है? यीशु एक बेहतर वाचा का आश्वासन है।
97 7:25 iilz जो लोग यीशु के माध्यम से परमेश्वर के निकट जाते हैं उनका पूरा-पूरा उद्धार करने में यीशु सक्षम क्यों है? जो लोग यीशु के माध्यम से परमेश्वर के निकट जाते हैं उनका पूरा-पूरा उद्धार करने में यीशु सक्षम इसलिये है क्योंकि वह उनके लिये विनती करने को सर्वदा जीवित है।
98 7:26 rjgo यीशु में पाई जाने वाली वे चार विशेषताएँ कौन-कौन सी हैं जो उसे विश्वासी लोगों के लिये उपयुक्त याजक ठहराती हैं? यीशु पवित्र, निर्दोष, शुद्ध, और पापियों से अलग है।
99 7:26 rpt9 यीशु को अपने स्वयं के पापों के निमित्त कौन सा बलिदान चढ़ाने की आवश्यकता थी? यीशु को अपने स्वयं के पापों के निमित्त कोई बलिदान चढ़ाने की आवश्यकता इसलिये नहीं थी क्योंकि वह पापरहित है।
100 7:27 gyg3 लोगोंं के पापों के लिये यीशु ने कौन सा बलिदान चढ़ाया था? यीशु ने लोगों के पापों के लिये एक ही बार स्वयं को बलिदान चढ़ाया था।
101 7:28 p88f जिन याजकों को व्यवस्था के अनुसार नियुक्त किया गया था यीशु उनसे कैसे अलग है? जिन याजकों को व्यवस्था के अनुसार नियुक्त किया गया था वे निर्बल थे, परन्तु यीशु को सर्वदा के लिये सिद्ध किया गया है।
102 8:1 wroo विश्वासी लोगों का महायाजक कहाँ बैठा हुआ है? विश्वासी लोगों का महायाजक स्वर्ग पर महामहिमन् के सिंहासन की दाहिनी ओर बैठा हुआ है
103 8:2 b361 सच्चा तम्बू कहाँ है? सच्चा तम्बू स्वर्ग में है।
104 8:3 agm5 प्रत्येक याजक के पास क्या होना चाहिए? प्रत्येक याजक के पास चढ़ाने के लिये कुछ न कुछ होना चाहिए।
105 8:4 zy6f व्यवस्था के अनुसार भेंटें चढ़ाने वाले याजक कहाँ पर थे? व्यवस्था के अनुसार भेंटें चढ़ाने वाले याजक पृथ्वी पर मौजूद थे।
106 8:5 zfkn पृथ्वी पर मौजूद याजक किसकी सेवा करते थे? पृथ्वी पर मौजूद याजक एक प्रतिरूप की और स्वर्गीय वस्तुओं के प्रतिबिम्ब की सेवा करते थे।
107 8:5 umx6 पार्थिव तम्बू को किस प्रारूप के अनुसार बनाया गया था? पार्थिव तम्बू को परमेश्वर के द्वारा मूसा को पहाड़ पर दिखाए गए प्रारूप के अनुसार बनाया गया था।
108 8:6 exip मसीह के पास सर्वोच्च याजकपद की सेवकाई क्यों है? मसीह के पास सर्वोच्च याजकपद की सेवकाई इसलिये है क्योंकि वह उस उत्तम वाचा का मध्यस्थ है जो उत्तम प्रतिज्ञाओं के सहारे बाँधा गया था।
109 8:8 csg9 जब परमेश्वर ने पहली वाचा के अधीन लोगों में दोष पाया तो उसने क्या प्रतिज्ञा की? परमेश्वर ने इस्राएल के घराने और यहूदा के घराने के साथ एक नयी वाचा बाँधने की प्रतिज्ञा की।
110 8:10 faun परमेश्वर ने नयी वाचा में क्या करने के लिये कहा? परमेश्वर ने कहा कि वह अपनी व्यवस्था को लोगों के मनों में डालेगा, और उसे उनके हृदयों पर लिखेगा।
111 8:11 yl4f नयी वाचा में प्रभु को कौन जानेगा? नयी वाचा में छोटे से लेकर बड़े तक, सब लोग प्रभु को जानेंगे।
112 8:12 w57s परमेश्वर ने नयी वाचा में लोगों के पापों के साथ क्या करने के लिये कहा? परमेश्वर ने कहा कि वह लोगों के पापों को आगे स्मरण नहीं रखेगा।
113 8:13 yho0 नयी वाचा की घोषणा में, परमेश्वर ने पहली वाचा का क्या किया? नयी वाचा की घोषणा में, परमेश्वर ने पहली वाचा को पुराना ठहराया, जो जीर्ण हो रहा है और मिटने पर है।
114 9:1-2 ktg8 पहली वाचा में आराधना करने का स्थान कौन सा था? पहली वाचा में आराधना करने का स्थान पार्थिव पवित्र स्थान था जिसे “तम्बू” कहा जाता था।
115 9:2 k340 पार्थिव तम्बू के पवित्र स्थान में क्या-क्या रखा गया था? पार्थिव तम्बू के पवित्र स्थान में दीवट, मेज, और चढ़ावे की रोटी रखी गई थी।
116 9:3-4 ho08 पार्थिव तम्बू के परम पवित्र स्थान में क्या-क्या रखा गया था? पार्थिव तम्बू के परम पवित्र स्थान में धूप की वेदी और वाचा की सन्दूक रखा गया था।
117 9:7 covs परम पवित्र स्थान में महायाजक कब-कब जाया करता था, और जाने से पहले वह क्या करता था? परम पवित्र स्थान में महायाजक वर्ष में एक ही बार, अपने लिये और लोगों के लिये लहू का बलिदान चढ़ाकर जाया करता था।
118 9:9 lcdp वर्तमान समय में इस पत्री के पाठकों के लिये दृष्टांत के रूप में काम करती है? वर्तमान समय में वहाँ पार्थिव तम्बू और भेंटें और चढ़ाए जा रहे बलिदान दृष्टांत के रूप में काम करते हैं।
119 9:9 qsj9 पार्थिव तम्बू की भेंटें क्या करने में सक्षम नहीं थीं? पार्थिव तम्बू की भेंटें आराधना करने वाले के विवेक को सिद्ध करने में सक्षम नहीं थीं।
120 9:10 y985 पार्थिव तम्बू के नियम किस समय तक के लिये दिए गए थे? पार्थिव तम्बू के नियम उस समय तक के लिये दिए गए थे जब तक कि नयी व्यवस्था लागू नहीं हो जाती।
121 9:11 qh76 जिस पवित्र तम्बू में मसीह सेवा करता है उसके विषय में कौन सी बात अलग है? जिस पवित्र तम्बू में मसीह सेवा करता है अति सिद्ध है, और उसे मानवीय हाथों से नहीं बनाया गया है, तथा वह इस रचे गए संसार का नहीं है।
122 9:12 oqyb मसीह ने कौन सी भेंट चढ़ाई, जिसके द्वारा वह परम पवित्र स्थान में प्रवेश कर गया? मसीह ने अपने स्वयं के लहू की भेंट चढ़ाई, जिसके द्वारा वह परम पवित्र स्थान में प्रवेश कर गया
123 9:12 nazu मसीह की भेंट ने किस बात को पूरा किया? मसीह की भेंट ने सब लोगों के लिये अनन्त छुटकारे को सुरक्षित किया।
124 9:14 uxpr मसीह का लहू विश्वासी जन के लिये क्या करता है? मसीह का लहू जीवित परमेश्वर की सेवा करने के लिये विश्वासी जन के विवेक को मरे हुए कामों से पवित्र करता है।
125 9:15 cm88 मसीह की बात का मध्यस्थ है? मसीह नयी वाचा का मध्यस्थ है।
126 9:17 i5fg किसी वाचा को पक्का होने के लिये क्या आवश्यक है? किसी वाचा को पक्का होने के लिये मरना आवश्यक है।
127 9:18-19 szwf पहली वाचा के लिये किसकी मृत्यु आवश्यक थी? पहली वाचा के लिये बछड़ों औऱ बकरों की मृत्यु आवश्यक थी।
128 9:22 a9je बिना लहू बहाए क्या नहीं हो सकता है? बिना लहू बहाए पापों की क्षमा नहीं मिलती।
129 9:24 ng7o हमारी ओर से अब मसीह कहाँ प्रकट हुआ है? हमारी ओर से, परमेश्वर के सामने, स्वर्ग में मसीह अब प्रकट हुआ है।
130 9:26 kb8v स्वयं के बलिदान के द्वारा पाप को दूर करने के लिये मसीह को कितनी बार अपने आप को चढ़ाना होगा? युग के अंत में, स्वयं के बलिदान के द्वारा मसीह पाप को दूर करने के लिये अपने आप को एक बार ही चढ़ाता है।
131 9:27 cod9 हर व्यक्ति के लिये, उनकी मृत्यु के बाद क्या होना नियुक्त है? हर व्यक्ति की मृत्यु के बाद, उनका न्याय किया जाएगा।
132 9:28 w4x3 मसीह दूसरी बार किस उद्धेश्य के लिये प्रकट होगा? मसीह दूसरी बार उन लोगों के उद्धार के लिये प्रकट होगा जो उत्सुक होकर उसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
133 10:1 byez मसीह की वास्तविकताओं की तुलना में व्यवस्था क्या है? व्यवस्था केवल मसीह की वास्तविकताओं का प्रतिबिम्ब है।
134 10:3 z30h व्यवस्था के द्वारा बार-बार चढ़ाए जाने वाले बलिदान आराधकों को किस बात का स्मरण दिलाते हैं? व्यवस्था के द्वारा बार-बार चढ़ाए जाने वाले बलिदान आराधकों को किए गए पापों का स्मरण दिलाते हैं।
135 10:4 k3qg बैलों और बकरों के लहू के लिये क्या करना असम्भव है? बैलों और बकरों के लहू के लिये पापों को दूर करना असम्भव है।
136 10:5 wdrp जब मसीह इस जगत में आया तो परमेश्वर ने उसके लिये क्या तैयार किया था? परमेश्वर ने मसीह के लिये एक देह तैयार की थी।
137 10:8 g1wh जब मसीह इस जगत में आया तो परमेश्वर ने कौन सी प्रथा को अलग कर दिया था? व्यवस्था के अनुसार बलिदानों को चढ़ाने की पहले वाली प्रथा को परमेश्वर ने अलग कर दिया था।
138 10:10 aklh जब मसीह इस जगत में आया तो परमेश्वर ने कौन सी प्रथा को स्थापित किया था? परमेश्वर ने यीशु मसीह की देह को एक ही बार में सर्वदा के लिये चढ़ाने की दूसरी प्रथा को स्थापित किया था।
139 10:12-13 vc86 जब मसीह परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठ गया है तो वह किस बात की प्रतीक्षा कर रहा है? मसीह उस समय की प्रतीक्षा कर रहा है जब उसके शत्रुओं को विनम्र करके उसके पाँवों की चौकी बना दिया जाएगा।
140 10:14 bscl अपने एक ही चढ़ावे के द्वारा, मसीह ने पवित्र किए गए लोगों के लिये क्या किया है? अपने एक ही चढ़ावे के द्वारा मसीह ने पवित्र किए गए लोगों को सर्वदा के लिये सिद्ध कर दिया है।
141 10:18 hshq जहाँ पापों की क्षमा हो गई वहाँ किस बात की आवश्यकता नहीं रही? जहाँ पापों की क्षमा हो गई वहाँ अतिरिक्त बलिदानों की आवश्यकता नहीं रही।
142 10:19 pbqt यीशु के लहू के द्वारा अब विश्वासी लोग किस स्थान में प्रवेश कर सकते हैं? यीशु के लहू के द्वारा अब विश्वासी लोग परम पवित्र स्थान में प्रवेश कर सकते हैं।
143 10:22 o4t3 विश्वासी जन पर क्या छिड़का गया है और क्या धोया गया है? विश्वासी जन के हृदय पर छिड़काव करके दुष्ट विवेक को दूर किया गया है, और उसके शरीर को शुद्ध जल से धोया गया है।
144 10:23 n6yz विश्वासी लोगों को किस बात को दृढ़ता से थामे रखना है? विश्वासी लोगों को अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामे रखना है।
145 10:25 n3ff विश्वासी लोगों को उस दिन को निकट आता देखकर क्या करना चाहिए? विश्वासी लोगों को उस दिन को निकट आता देखकर एक-दूसरे को अधिकाधिक प्रोत्साहित करना चाहिए।
146 10:26-27 sp8d उन लोगों की क्या अपेक्षा है जो सत्य की पहचान प्राप्त करने के बाद भी जान बूझकर पाप करते रहते हैं? जो लोग सत्य की पहचान प्राप्त करने के बाद भी जान बूझकर पाप करते रहते हैं उनकी अपेक्षा दण्ड और जलन की आग है जो परमेश्वर के विरोधियों को भस्म कर देगी।
147 10:28-29 hww1 जो व्यक्ति मसीह के लहू को जिसके द्वारा वह पवित्र किया गया था अपवित्र मानता है, वह किसके योग्य ठहरेगा? जो व्यक्ति मसीह के लहू को जिसके द्वारा वह पवित्र किया गया था अपवित्र मानता है, वह मूसा की व्यवस्था के तहत दिए गए दंड से भी बढ़कर दयारहित दंड के योग्य ठहरेगा।
148 10:30 prxw पलटा लेना किसका काम है? पलटा लेना प्रभु का काम है।
149 10:34 ai3i जिन विश्वासी लोगों को यह पत्री मिली थी उन्होंने अपनी सम्पत्ति छीने जाने पर कैसी प्रतिक्रिया दी थी? उन विश्वासी लोगों ने अपनी सम्पत्ति छीने जाने पर इसे आनन्द के साथ स्वीकार कर लिया था, यह जानते हुए कि उनके पास एक उत्तम और स्थायी सम्पत्ति है।
150 10:35-36 dgcc जिस बात की परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है उसे पाने के लिये विश्वासी जन को क्या नहीं खोना है? विश्वासी जन को अपने भरोसे को बनाए रखना है ताकि वह उसे प्राप्त कर सके जिसकी परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है।
151 10:38 pr4m धर्मी जन कैसे जीवित रहेगा? धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा।
152 10:38 tasb जो लोग पीछे हट गए हैं उनके विषय में परमेश्वर क्या विचार करता है? जो लोग पीछे हट गए हैं उनसे परमेश्वर अप्रसन्न है।
153 10:39 qvs2 इस पत्री को प्राप्त करने वाले लोगों से लेखक की क्या अपेक्षा है? लेखक की अपेक्षा यह है कि इस पत्री को प्राप्त करने वाले लोग अपने प्राणों की रक्षा के लिये विश्वास करें।
154 11:1 lfic एक विश्वासी जन का परमेश्वर की उन प्रतिज्ञाओं के प्रति जो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं क्या रवैया रखना चाहिए? एक विश्वासी व्यक्ति आत्मविश्वास से परमेश्वर की उन प्रतिज्ञाओं की जो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं आशा करता है और उनके प्रति निश्चितता रखता है।
155 11:3 w7dk सृष्टि की दिखाई पड़ने वाली वस्तुएँ किससे बनाई गई थीं? सृष्टि की दिखाई पड़ने वाली वस्तुओं को दिखाई पड़ने वाली वस्तुओं से नहीं बनाया गया था।
156 11:4 ip6c धर्मी होने के कारण परमेश्वर ने हाबिल की बड़ाई क्यों की? परमेश्वर ने हाबिल की बड़ाई इसलिये की क्योंकि उसने विश्वास के द्वारा परमेश्वर को कैन की तुलना में अधिक उपयुक्त बलिदान चढ़ाया था।
157 11:6 w9a6 परमेश्वर के पास आने वाले व्यक्ति को परमेश्वर के विषय में किस बात पर विश्वास करना चाहिए? परमेश्वर के पास आने वाले व्यक्ति को इस बात पर विश्वास करना चाहिए वह मौजूद हौ और अपने खोजने वालों को वह प्रतिफल देता है।
158 11:7 dss4 नूह ने अपने विश्वास का प्रदर्शन कैसे किया? नूह ने परमेश्वर की चेतावनी के अनुसार अपने परिवार को बचाने के लिये एक जहाज़ बनाकर अपने विश्वास का प्रदर्शन किया।
159 11:11 k8zp अब्राहम और सारा ने विश्वास के द्वारा कौन सी प्रतिज्ञा को प्राप्त किया? अब्राहम और सारा ने विश्वास के द्वारा गर्भधारण की सामर्थ्य की प्रतिज्ञा को प्राप्त किया भले ही वे लोग बहुत बूढ़े हो गए थे।
160 11:13 tgrs विश्वास के वंशजों ने दूर ही से क्या देखा? विश्वास के वंशजों ने दूर ही से परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को देखकर उनका स्वागत किया।
161 11:13 rnoy विश्वास के वंशजों ने अपने आप को पृथ्वी पर क्या माना? विश्वास के वंशजों ने अपने आप को पृथ्वी पर अजनबी और परदेशी माना।
162 11:16 wth5 विश्वास करने वालों के लिये परमेश्वर ने क्या तैयार किया है? विश्वास करने वालों के लिये परमेश्वर ने एक स्वर्गीय नगर तैयार किया है।
163 11:17-19 oqr6 जब अब्राहम ने अपने इकलौते पुत्र इसहाक को बलिदान चढ़ा दिया था, तो उसे क्या विश्वास था कि परमेश्वर क्या करने में सक्षम है? अब्राहम ने विश्वास किया कि परमेश्वर इसहाक को मृतकों में से जिलाने में सक्षम है।
164 11:22 nec7 जब यूसुफ का अन्त निकट था उस समय उसने विश्वास के द्वारा क्या भविष्यद्वाणी की थी? जब यूसुफ का अन्त निकट था उस समय उसने इस्राएल की सन्तानों के मिस्र से निकल जाने की भविष्यद्वाणी की थी।
165 11:24-26 ma6j मूसा ने सयाना होकर विश्वास के द्वारा क्या करने का चुनाव किया था? मूसा ने विश्वास के द्वारा मसीह के पीछे चलने में होने वाले अपमान को बड़ा धन मानकर, परमेश्वर के लोगों के साथ होने वाले बुरे बर्ताव को साझा करने का निर्णय लिया।
166 11:28 t8zh मूसा ने इस्राएलियों के पहिलौठे पुत्रों को बचाने के लिये विश्वास के द्वारा क्या माना? मूसा ने इस्राएलियों के पहिलौठे पुत्रों को बचाने के लिये विश्वास के द्वारा फसह का पर्व और लहू छिड़के जाने की विधि को माना।
167 11:31 qz2q विश्वास के द्वारा राहाब ने क्या किया था जिसने उसे नाश होने से बचा लिया था? विश्वास के द्वारा राहाब ने भेदियों का सुरक्षापूर्वक स्वागत किया था जिसने उसे नाश होने से बचा लिया था।
168 11:33-34 ieny विश्वास के कुछ पूर्वजों ने युद्ध में क्या हासिल किया था? विश्वास के कुछ पूर्वजों ने राज्यों को जीत लिया, तलवार से बच निकले, युद्ध में प्रबल हुए, और विदेशी सेनाओं को भाग खड़े होने पर विवश किया।
169 11:35-38 kand विश्वास के कुछ पूर्वजों ने क्या दुःख उठाए? विश्वास के कुछ पूर्वजों ने सताव, उपहास, कोड़े खाने, जंजीरों में जकड़े जाने, कैद होने, पथराव, आरे से दो भागों में काटे जाने, मृत्यु और इधर-उधर मारे-मारे फिरने को सहा।
170 11:39 dyoi इन पूर्वजों के विश्वास के बावजूद, पृथ्वी पर अपने जीवन को व्यतीत करते हुए उन्होंने किस वस्तु को प्राप्त नहीं किया? इन पूर्वजों के विश्वास के बावजूद, पृथ्वी पर अपने जीवन को व्यतीत करते हुए उन्होंने उस वस्तु को प्राप्त नहीं किया जिसकी परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी?
171 11:40 dtaa विश्वास के ये पूर्वज किसके साथ परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को प्राप्त करके सिद्ध बनेंगे? विश्वास के ये पूर्वज मसीह में पाए जाने वाले नयी वाचा के विश्वासी लोगों के साथ परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को प्राप्त करके सिद्ध बनेंगे।
172 12:1 oi6q विश्वासी जन को उसे आसानी से उलझाने वाले पाप को दूर क्यों कर देना चाहिेए? विश्वासी जन को आसानी से उलझाने वाले पाप को दूर इसलिये कर देना चाहिेए ताकि उसके सामने रखी गई दौड़ को वह धीरज से दौड़ पाए।
173 12:2 ihe8 यीशु ने लज्जा की परवाह किए बिना क्रूस को क्यों सह लिया? यीशु ने उसके सामने रखे गए आनन्द के निमित्त लज्जा की परवाह किए बिना क्रूस को सह लिया।
174 12:3 x33r कोई विश्वासी जन अपने मन में थककर हार मानने से कैसे बच सकता है? पापियों का विरोध सहने वाले यीशु पर ध्यान लगाने के द्वारा, कोई कोई विश्वासी जन अपने मन में थककर हार मानने से बच सकता है।
175 12:6 nbu5 प्रभु जिन लोगों को प्रेम करके ग्रहण करता है वह उनके साथ क्या करता है? प्रभु जिन लोगों को प्रेम करके ग्रहण करता है वह उन्हें ताड़ना देता है।
176 12:8 lexj जिस व्यक्ति को प्रभु ताड़ना नहीं देता वह किसके समान है? जिस व्यक्ति को प्रभु ताड़ना नहीं देता वह परमेश्वर की सन्तान नहीं, बल्कि व्यभिचार की सन्तान है।
177 12:10 hgbw परमेश्वर अपने बच्चों को ताड़ना क्यों देता है? परमेश्वर अपने बच्चों की भलाई के लिये उन्हें ताड़ना देता है, ताकि वे उसकी पवित्रता में भागीदार हों।
178 12:11 ygm2 ताड़ना से क्या उत्पन्न होता है? ताड़ना से धार्मिकता का शान्तिदायक फल उत्पन्न होता है।
179 12:14 arv9 विश्वासी लोगों को सब मनुष्यों के साथ किस बात की खोज करनी चाहिए? विश्वासी लोगों को सब मनुष्यों के साथ शान्ति की खोज करनी चाहिए।
180 12:15 x05r कौन सी वस्तु को नहीं बढ़ना चाहिए जो उपद्रव करते हुए बहुत से लोगों को अशुद्ध करती है? कड़वाहट की जड़ को नहीं बढ़ना चाहिए जो उपद्रव करते हुए बहुत से लोगों को अशुद्ध करती है
181 12:17 vtkl जब एसाव ने अपने पहिलौठे के अधिकार को बेचने के बाद आँसू बहा-बहाकर उस आशीष को पाना चाहा तो उसके साथ क्या हुआ? जब एसाव ने अपने पहिलौठे के अधिकार को बेचने के बाद आँसू बहा-बहाकर उस आशीष को पाना चाहा तो उसे अस्वीकार कर दिया गया था।
182 12:19 offf इस्राएली लोगों ने पहाड़ पर क्या विनती की जहाँ परमेश्वर ने बातें की थीं? इस्राएली लोगों ने विनती की कि उनसे औऱ बातें न की जाएँ।
183 12:22 v92o जिस पहाड़ पर इस्राएली लोगों ने परमेश्वर की वाणी सुनी थी वहाँ के बजाय मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग कहाँ आए हैं? मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग सिय्योन पर्वत के पास और जीवित परमेश्वर के नगर के पास आए हैं।
184 12:23 aeh8 मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग किस सभा के पास आए हैं? मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग उन सब पहिलौठों की सभा के पास आए हैं जिनके नाम स्वर्ग में लिखे हुए हैं।
185 12:23-24 fclv मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग किसके पास आए हैं? मसीह में पाए जाने वाले विश्वासी लोग सबके न्यायी, अर्थात् परमेश्वर के पास, धर्मियों की आत्माओं के पास, और यीशु के पास आए हैं।
186 12:25 gram उन लोगों का क्या होगा जिन्होंने स्वर्ग पर से चेतावनी देने वाले से मुँह फेर लिया है? जिन लोगों ने मुँह फेर लिया है वे परमेश्वर से बच नहीं पाएँगे।
187 12:26 qe3t परमेश्वर ने किसे हिलाने की प्रतिज्ञा की है? परमेश्वर ने पृथ्वी और स्वर्ग को हिलाने की प्रतिज्ञा की है।
188 12:28 bc4f जिन वस्तुओं को हिलाया जा सकता है उनके बदले में विश्वासी लोगों को क्या मिलेगा? विश्वासी लोगों को एक ऐसा राज्य मिलेगा जो हिलने का नहीं।
189 12:28 acth विश्वासी लोगों को परमेश्वर की आराधना कैसे करनी चाहिए? विश्वासी लोगों को परमेश्वर की आराधना श्रद्धा एवं भय के साथ करनी चाहिए।
190 12:29 sft9 विश्वासी लोगों को परमेश्वर की आराधना इस रीति से क्यों करनी चाहिए? विश्वासी लोगों को परमेश्वर की आराधना इस रीति से इसलिये करनी चाहिए क्योंकि वह एख भस्म करने वाली आग है।
191 13:2 tp8h कुछ लोगों ने अजनबियों का स्वागत करने के द्वारा क्या किया? कुछ लोगों ने इस बात को जाने बिना ही स्वर्गदूतों का स्वागत किया।
192 13:3 y0k8 जो लोग जेल में हैं विश्वासी लोगों को उन्हें कैसे स्मरण करना चाहिए? विश्वासी लोगों को उन्हें ऐसे स्मरण करना चाहिए कि मानो वे भी जेल में ही होंं, और ऐसे कि मानो उनके शरीरों के साथ भी बुरा बर्ताव किया गया हो।
193 13:4 sc3p सब लोगों के द्वारा किस बात का आदर किया जाना चाहिए? सब लोगों के द्वारा विवाह का आदर किया जाना चाहिए।
194 13:4 e6vl यौन अनैतिक और व्यभिचारियों के साथ परमेश्वर क्या करता है? यौन अनैतिक और व्यभिचारियों का परमेश्वर न्याय करता है।
195 13:5 yfk7 कोई विश्वासी जन धन के लोभ से कैसे मुक्त हो सकता है? कोई विश्वासी जन धन के लोभ से इसलिये मुक्त हो सकता है क्योंकि परमेश्वर ने कहा है कि वह उसे न तो कभी छोड़ेगा और न ही कभी त्यागेगा।
196 13:7 bti3 विश्वासी लोगों को किसके विश्वास का अनुसरण करना चाहिए? विश्वासी लोगों को उन लोगों के विश्वास का अनुसरण करना चाहिए जिन्होंने उनकी अगुवाई की और जिन्होंने उन्हें परमेश्वर का वचन सुनाया था।
197 13:9 wmji विश्वासी लोगों को किस प्रकार की विचित्र शिक्षाओं के विषय में लेखक चेतावनी देता है? विश्वासी लोगों को भोजन के विषय में विचित्र शिक्षाओं की लेखक चेतावनी देता है।
198 13:11 jthb जिन पशुओं का पवित्र स्थान में बलिदान के लिये उपयोग किया गया है उनकी देह को कहाँ जलाया गया था? उन पशुओं के देह को छावनी के बाहर जलाया गया था।
199 13:12 uumm यीशु ने कहाँ दुःख उठाया? यीशु ने नगर के फाटक के बाहर दुःख उठाया।
200 13:13 fyv1 विश्वासी लोगों को कहाँ जाना चाहिए, और क्यों जाना चाहिए? विश्वासी लोगों को यीशु की निन्दा को अपने ऊपर लिये हुए, छावनी के बाहर उसके पास जाना चाहिए।
201 13:14 u0fd विश्वासी लोगों के पास यहाँ पृथ्वी पर कौन सा स्थिर रहने वाला नगर है? विश्वासी लोगों के पास यहाँ पृथ्वी पर स्थिर रहने वाला कोई नगर नहीं है।
202 13:14 ylu7 उसके बजाय विश्वासी लोग किस नगर की खोज में हैं? विश्वासी लोग उस आने वाले नगर की खोज में हैं।
203 13:15 vbld विश्वासी लोगों को परमेश्वर को कौन सा बलिदान निरन्तर चढ़ाना चाहिए? विश्वासी लोगों को परमेश्वर को स्तुतिरूपी बलिदान निरन्तर चढ़ाना चाहिए।
204 13:17 y6za विश्वासी लोगों को अपने अगुवों के प्रति कैसा रवैया रखना चाहिए? विश्वासी लोगों को अपने अगुवों का आज्ञापालन करना चाहिए और उनके अधीन रहना चाहिए।
205 13:21 sw6h परमेश्वर विश्वासी जन में क्या काम करता है? परमेश्वर विश्वासी जन में वह काम करता है जो परमेश्वर को प्रसन्न करता है।
206 13:23 x0ax लेखक जब उन विश्वासी लोगों से मिलने आता है तो वह किसके साथ आएगा? लेखक जब उन विश्वासी लोगों से मिलने आता है उस समय वह तीमुथियुस के साथ आएगा।